महाशिवरात्रि भजन

महाशिवरात्रि भजन: अरुणाचल शिवा साईं शंकरा

महाशिवरात्रि भजन

अरुणाचल शिवा साईं शंकरा

नाचो हे नटराज

भस्म भूषण नागाभरणा नाचो हे शिवा राज

तांडव प्रिया करा, नटना नटेश्वर, नाचो हे नटराज

नाचो हे नटराज

दमा दमा दमा दमा डमरू बजावो

झना झना झना झना पायलिया

धिमिकी धिमिकी धीमी, धिमिकी धिमिकी धीमी,

नाचो हे नटराज

नाचो हे नटराज

महाशिवरात्रि भजन और गानों पर भोलेनाथ की भक्ती में झूम जाएंगे आप

महाशिवरात्रि का पावन त्योहार आने वाली 21 फरवरी को पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाएगा। महाशिवरात्रि के मौके पर सभी शिव मंदिरों में भोलेनाथ की पूजा-अराधना की जाती है। महाशिवरात्रि पर पुरानी परंपरा के अनुसार शिवलिंग पर बिलपत्र, दूध से अभिषेक किया जाता है ताकि शिव भगवान को रिझाया जा सके। भगवान शिव के बारे में लोगों की मान्यता है कि इस दिन शिवलिंग का दूध से अभिषेक करने पर शिव अपने भक्त से प्रसन्न होकर उसके बिगड़े कार्य भी बना देते हैं।

महाशिवरात्रि पर भोलेभक्त जमकर भजन भी बजाते हैं। कहा जाता है कि शिव भजन सुनने से आपके भीतर मन में पल रही हीन भावना का नाश होता है और आपके अंदर दूसरों की मदद करने की अच्छी भावनाएं पैदा होती हैं।

महाशिवरात्रि पर मंदिरों में शिव भजनों के जाप के साथ भजन भी गाए जाते हैं जिससे शिव जी को प्रसन्न किया जा सके। दूसरी ओर भक्तगण भांग पीकर शिव भजनों पर जमकर नाचते भी नजर आते हैं। आज हम आपके लिए लाए हैं महाशिवरात्रि पर बजाए जाने वाले शानदार भजन।

अगर आप भी शंकर भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करना चाहते हैं तो शिवलिंग की विधि विधान अनुसार पूजा करें, अभिषेक करें और शिव मंत्रों का जाप करें ऐसा करने से आपके सभी बिगड़ते काम बन जाएंगे और भोलेनाथ की आप कृपा बनी रहेगी।

पूरे साल में कुछ रातों का विशेष महत्व है इन्हें सिद्धि की रात भी कहते हैं। नवरात्र, होली, दिवाली के अलावा महाशिवरात्रि भी ऐसी ही एक रात है। धार्मिक विषयों के अलावा इनका तंत्र शास्त्र में भी विशेष महत्व है। इन रातों में व्यक्ति सिद्ध शक्तियों को जगाकर अपनी परेशानियों को दूर कर सकता है और जीवन में गुडलक ला सकता है। 21 फरवरी शुक्रवार को महाशिवरात्रि है ऐसे में इस अवसर पर आप भगवान शिव के चिह्नों के माध्यम से सिद्ध शक्तियों को जगाकर अपने दुर्भाग्य को दूर सकते हैं। इसके लिए आपको बहुत कुछ करने की जरूरत भी नहीं है। इस दिन भगवान शिव के साथ शिव चिह्नों की भी पूजा करें और फिर शिवलिंग का स्पर्श करवाकर इन्हें धारण कर लें। आइए जानें कौन सा शिव चिह्न आपके क्या काम आ सकता है?

शिव की शक्ति त्रिशूल

भोलेनाथ सदैव ही त्रिशूल धारण करते हैं। यह अत्‍यंत ही शुभ चिह्न होता है। ज्‍योतिष शास्‍त्र के मुताबिक यूं तो कभी भी लॉकेट में त्रिशूल पहनना शुभ होता है। लेकिन महाशिवरात्रि के दिन इसे लॉकेट में पहनने से जातक पर कभी भी कोई भी मुसीबत नहीं आती। इसके अलावा उसपर किसी भी बुरी नजर का प्रभाव नहीं होता। नकारात्‍मक ऊर्जा और भूत प्रेत उसे छू भी नहीं सकते। लेकिन हमेशा ध्‍यान रखें कि शिव केवल उसे ही स्‍वीकार करते हैं जिसके मन में किसी के भी प्रति कोई कपट या छल नहीं होता। इसलिए जरूरी है कि इसे धारण करते समय मन में किसी भी तरह की गलत भावना नहीं होनी चाहिए।

शिव नाद शक्ति

भगवान शिव के हाथों में डमरू ब्रह्मनाद का प्रतीक चिह्न है। इसे अत्यंत शुभ माना गया है। मान्‍यता है कि डमरू का लॉकेट पहनने या फिर इसे घर में रखने से घर में किसी भी तरह की नकारात्‍मक ऊर्जा प्रवेश नहीं कर पाती है। यह व्‍यक्ति के जीवन से निराशा भी दूर करता है। इसके अलावा इसको धारण करने से व्‍यक्ति के अंदर एकाग्रता बढ़ती है। अगर किसी काम में मन नहीं लगता या फिर काम तमाम प्रयासों के बावजूद भी नहीं बनता तो डमरू पहनने से लाभ होता है। ज्‍योतिष के मुताबिक इसे शिवरात्रि के दिन धारण करना चाहिए। ध्‍यान रखें कि जब भी इसे पहने कभी भी किसी के भी प्रति मन में किसी भी तरह का ईष्‍या-द्वेष न रखें।

सर्प लॉकेट का लाभ

यह तो सभी जानते हैं कि भगवान शिव त्रिशूल, डमरू की ही तरह नागों को भी सदैव अपने साथ रखते हैं। अगर किसी व्‍यक्ति के जीवन में या फिर घर-परिवार में लगातार परेशानियां आ रही हों तो उसे महाशिवरात्रि के दिन नाग का लॉकेट पहनना चाहिए या अंगूठी धारण करना चाहिए। इससे कालसर्प, पितृदोष, नाग दोष एवं राहु-केतु के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं। गुप्त चिंता, धन की हानि, शत्रु बाधा में इसे धारण करना अधिक लाभप्रद होता है।

बेलपत्र  लॉकेट का यह लाभ

भोलेनाथ की पूजा में मुख्‍य रूप से अर्पित किये जाने वाले बेलपत्र की अपनी ही महिमा है। बेलपत्र में भगवान शिव के साथ ही भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी का भी वास होता है। भगवान शिव पर चढ़ा हुआ बेलपत्र किसी ताबीज में लपेटकर धारण करें या चांदी का बेलपत्र बनवाकर इसे महाशिवरात्रि के अवसर पर धारण करें तो यह मानसिक बल प्रदान करता है। इससे वाणी प्रभावशाली और बुद्धि निर्मल होती है। कारोबार में लाभ के लिए, मार्केटिंग एवं सेल्स सहित वाणी संबंधित क्षेत्रों में काम करने वालों के लिए यह काफी फायदेमंद होता है।

रुदाक्ष धारण करने से यह लाभ

रुद्राक्ष भगवान शिव की आंख से निकले आंसुओं से बना है। यही वजह है कि इसको पहनने से शरीर में नई ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही यह जातक के आत्‍मविश्‍वास को भी बढ़ाता है। यदि आप भी किसी ऐसी तकलीफ से जूझ रहे हैं तो बेहतर होगा कि महाशिवरात्रि के दिन लाल धागे में रूद्राक्ष धारण करें। रुद्राक्ष के विषय में कहा जाता है कि यह हृदय की गति एवं रक्तचाप को संतुलित रखता है। विभिन्न मुखों वाले रुदाक्ष विभिन्न प्रभाव देते हैं। 7 मुखी रुद्राक्ष को धन वृद्धि कारक कहा गया है।

साक्षात शिव कृपा

महाशिवरात्रि के अवसर पर शिव की कृपा प्राप्ति के लिए आप चाहें तो शिवलिंग का लॉकेट बनवाकर धारण कर सकते हैं। शिवलिंग को धारण करने वाला साक्षात शिव कृपा का पात्र होता है लेकिन इसे धारण तभी करें जब आप इसे धारण करने योग्य क्षमता रखें यानी मन से राग-द्वेष की भावना दूर कर लें और किसी से छल-कपट ना करें। इसे धारण करने से शरीर और मन शुद्ध होता है और व्यक्ति मोक्ष का अधिकारी होता है। ऐसा व्यक्ति प्रतिष्ठित और आदरणीय हो जाता है।

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