अपना गाँव - निवेदिता जोशी

अपना गाँव – निवेदिता जोशी

Villageमैं अपने गाँव जाना चाहती हूँ…
जाड़े की नरम धूप और वो छत
का सजीला कोना
नरम-नरम किस्से मूँगफली के दाने
और गुदगुदा बिछौना
मैं अपने गाँव जाना चाहती हूँ…

धूप के साथ खिसकती खटिया
किस्सों की चादर व सपनों की तकिया
मैं अपने गाँव जाना चाहती हूँ…

दोस्तों की खुसफुसाहट हँसी के ठहाके
यदा कदा अम्मा व जिज्जी के तमाशे
मैं अपने गाँव जाना चाहती हूँ…

हाथों को बगलों में दबाए आँच पर चढ़ा
चाय का भगोना
सब बातों में गुम है कोई फरक नहीं पड़ता
किसी का होना न होना
फिर भी भूल नहीं पाती
जाड़े की नरम धूप और छत का सजीला कोना
मैं अपने गाँव जाना चाहती हूँ…

∼ निवेदिता जोशी

Check Also

Kalki 2898 AD: 2024 Indian epic science-fiction dystopian film

Kalki 2898 AD: 2024 Indian epic science-fiction dystopian film

Kalki 2898 AD : Movie Name Directed by: Nag Ashwin Starring: Prabhas, Amitabh Bachchan, Kamal …