Maghi Day

Which day is the Maghi Day?

The day following Lohri is called ‘Maghi’, signifying the beginning of the month of Magh. According to Hindu beliefs, this is an auspicious day to take a holy dip in the river and give away charity. Sweet dishes (usually kheer) are prepared with sugar cane juice to mark the day.

Lohri is more than just a festival, especially for the people of Punjab. Punjabis are a fun-loving, sturdy, robust, energetic, enthusiastic and jovial race, and Lohri is symbolic of their love for celebrations and light-hearted flirtations and exhibition of exuberance.

पिछले साल 2019 दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन कुंभ का साक्षी बना तीर्थराज प्रयागराज ऐतिहासिक 43 दिनों के माघ मेले के लिए तैयार हो गया है। शुक्रवार-शनिवार की रात 2:34 बजे रवि (सूर्य) के मकर राशि में प्रवेश करते ही पहले स्नान पर्व के साथ एक महीने के कल्पवास का भी आगाज हो जाएगा। हालांकि, माघ मेले का आगाज शुक्रवार सुबह होने के साथ संगम में डुबकी लगाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। इसके लिए कड़ाके की सर्दी के बावजूद देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं का जमावड़ा संगम तट पर लग चुका है।

माघ मास में कल्पवास, स्नान का विशेष महत्व

माना जाता है कि माघ महीने में सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ ही तीर्थराज प्रयागराज में एक माह के कल्पवास से एक कल्प (ब्रह्मा का एक दिन) का पुण्य मिलता है। वहीं, पवित्र संगम में स्नान का भी विशेष महत्व बताया गया है। आदिकाल से चली आ रही इस परंपरा का बखान वेदों से लेकर रामचरितमानस और महाभारत में भी मिलता है।

प्रमुख स्नान पर्व का समय

  • पौष पूर्णिमा (10-11 जनवरी): रात 2:34 से दोपहर 12:50 बजे
  • मकर संक्रांति (15 जनवरी): सुबह 8:08 से शाम 4:29 बजे
  • मौनी अमावस्या (24-25 जनवरी): रात 2:17 से अगली रात 3:11 बजे
  • वसंत पंचमी (30 जनवरी): सुबह 7:53 से रात 12:23 बजे
  • माघी पूर्णिमा (8-9 फरवरी): सुबह 10:31 से सुबह 7:32 बजे
  • महाशिवरात्रि (21-22 फरवरी): रात 11:55 से अगली रात 12:50 बजे

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