होली आई रे बसंत में हर कली मुस्कुराई, फागुन की मस्ती चंहुओर है छाई, मदभरा रंगीं नजारा हर कहीं नजर आता है, सुनहरा रंग फिजाओं में पसर जाता है, चंग की ढाप चौक-चौराहों में गूंज रही है, फागणियों को फाग गाने की सूझ रही है, लोग-लुगाई होली की मस्ती में सराबोर हैं, हर तरफ होली आई रे होली आई रे …
Read More »दुनिया रंग-बिरंगी: होली के त्यौहार पर हिंदी बाल-कविता
नीले, पीले और गुलाबी लाल, हरे, नारंगी, हुई रंगों से देखो सारी दुनिया रंग-बिरंगी। गालों पर गुलाल की रंगत रंग बिखेरे सूंदर, दौड़ रहे लेकर पिचकारी रामु, श्यामू, चंदर। बांट रही हैं गुझिया सबको मीठी खुशियां प्यारी, होली की मस्ती में देखो हँसती दुनिया सारी। भांति-भांति के रंग भरे सब मार रहे पिचकारी, रंग-बिरंगे लोग लग रहे ज्यो सूंदर फुलवारी। …
Read More »देश की धरती तुझे कुछ और भी दूँ: राम अवतार त्यागी
रामावतार त्यागी का जन्म 17 मार्च 1925 को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद ज़िले की संभल तहसील में हुआ। आप दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर थे। हिन्दी गीत को एक नई ऊँचाई देने वालों में आपका नाम अग्रणीय है। रामधारी सिंह दिनकर सहित बहुत से हिंदी साहित्यकारों ने आपके गीतों की सराहना की थी। ‘नया ख़ून’; ‘मैं दिल्ली हूँ’; ‘आठवाँ स्वर’; ‘गीत …
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