लाल बहादुर शास्त्री: बाल-कविता शास्त्री जी के बारे में पैदा हुआ उसी दिन,जिस दिन बापू ने था जन्म लिया।भारत-पाक युद्ध में जिसनेतोड़ दिया दुनिया का भ्रम॥ एक रहा है भारत सब दिन,सदा रहेगा एक।युगों-युगों से रहे हैं इसमेंभाषा-भाव अनेक॥आस्था और विश्वास अनेकों,होते हैं मानव के।लेकिन मानवता मानव कीरही सदा ही नेक॥कद से छोटा था लेकिन थाकर्म से बड़ा महान।हो सकता …
Read More »सिंधु में ज्वार: अटल बिहारी वाजपेयी की देश प्रेम कविता
On the auspicious occasion of the birthday of our past Prime Minister Atal Ji, I am posting excerpt from an inspiring poem written by him. सिंधु में ज्वार: अटल बिहारी वाजपेयी आज सिंधु में ज्वार उठा है नगपति फिर ललकार उठा है कुरुक्षेत्र के कण–कण से फिर पांचजन्य हुँकार उठा है। शत–शत आघातों को सहकर जीवित हिंदुस्थान हमारा जग के …
Read More »कदम मिलाकर चलना होगा: अटल की देशभक्ति कविता
देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एक अच्छे राजनेता के साथ ही बहुत अच्छे कवि भी थे। संसद से लेकर अन्य मौकों पर अपनी चुटीली बातों को कहने के लिए अक्सर कविताओं का इस्तेमाल करते थे। उनका मौकों के हिसाब से कविताओं का चयन उम्दा रहता था, जिसको अक्सर विरोधी भी सराहा करते थे। कदम मिलाकर चलना होगा: अटल …
Read More »झुक नहीं सकते: अटल बिहारी वाजपेयी की यादगार कविता
देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी की आधारशिला माने जाने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेता अटल बिहारी वाजपेयी अपनी हाजिर जवाबी से हमेशा सुर्खियों में रहे हैं। उन्होंने न केवल एक बेहतरीन राजनेता बल्कि एक अच्छे कवि, पत्रकार और लेखक के रूप में नाम कमाया बल्कि एक शानदार वक्ता के रूप में भी लोगों का दिल जीता। अटल …
Read More »मेरा परिचय: अटल जी की हिंदुत्व पर देश प्रेम कविता
महाकवि डॉ. गोपालदास नीरज जितने साहित्य के मर्मज्ञ थे, उतने ही ज्योतिष शास्त्र में भी पारंगत। गुरुवार को अटलजी के निधन के साथ महाकवि की भविष्यवाणी भी सच साबित हो गई। दरअसल, नीरजजी ने नौ साल पहले 2009 में यह भविष्यवाणी की थी कि मेरे और अटलजी के निधन में 30 दिन से ज्यादा का अंतर न रहेगा। हुआ भी …
Read More »सफलता: ओमप्रकाश बजाज की प्रेरणादायक कविता
मेहनत से सफलता मिलती है, उचित मूल्य चुकाना पड़ता है। सफलता की सीढ़ी चढ़ने के लिए, ढेरों पसीना बहाना पड़ता है। लगन निष्ठा नियम उत्साहपूर्वक, जो कर्त्तव्य अपना निभाते है। निश्चित ही एक न एक दिन वह, जीवन में सफल हो जाते है। तिकड़म से भी कभी-कभी कुछ लोग, सफलता हतिया ले जाते है। देर-सवेर भांडा फूटने पर मगर, शर्मसार …
Read More »कर्मवीर: अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
Here is an old classic written by Ayodhya Singh Upadhyaya Hariaudh. Hariaudh Ji (born 1865, died 1947) was one of the earliest poets of modern Hindi. Here he gives a evergreen prescription for success in life. कर्मवीर: अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ देख कर बाधा विविध बहु विघ्न घबराते नहीं रह भरोसे भाग के दुख भोग पछताते नहीं काम कितना ही …
Read More »जनसंख्या: Hindi Poem about Over Population
भारत की अनेक समस्याओं का कारण यहाँ की तेजी से बढती हुई Population है। स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि इसे सख्या विस्फोट की संज्ञा दी जाती है। अर्थशारित्रयों का मत है कि भारत के लिए इस बढती हुई जनसंख्या की जरूरतो को पूरा करने के लिये पर्याप्त साधन नहीं हैं। आज हमारी जनसख्या लगभग एक अरब पाच करोड …
Read More »रक्तदान है महादान: Hindi Poem on Blood Donation
रक्तदान है महादान: रक्तदान जीवनदान है। हमारे द्वारा किया गया रक्तदान कई जिंदगियों को बचाता है। इस बात का अहसास हमें तब होता है जब हमारा कोई अपना खून के लिए जिंदगी और मौत के बीच जूझता है। उस वक्त हम नींद से जागते हैं और उसे बचाने के लिए खून के इंतजाम की जद्दोजहद करते हैं। अनायास दुर्घटना या …
Read More »माँ तो माँ होती है: मातृ दिवस पर कविता
मातृ दिवस माता को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। एक मां का आँचल अपनी संतान के लिए कभी छोटा नहीं पड़ता। माँ का प्रेम अपनी संतान के लिए इतना गहरा और अटूट होता है कि माँ अपने बच्चे की खुशी के लिए सारी दुनिया से लड़ लेती है। एक मां का हमारे जीवन में बहुत बड़ा महत्व है, …
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