Jallianwala Bagh (जलियाँवाला बाग) is a public garden in Amritsar, and houses a memorial of national importance, established in 1951 by the Government of India, to commemorate the massacre of peaceful celebrators including unarmed women and children by British occupying forces, on the occasion of the Punjabi New Year (Baisakhi) on 13 April 1919 in the Jallianwala Bagh Massacre. Colonial …
Read More »महिला दिवस पर कविता: पहली नारी
मेरा प्रणाम है पहली नारी सीता को जिसने एक सीमा (लक्ष्मण रेखा) को तोडकर भले ही जीवन भर अथाह दुख सहे लेकिन आधुनिक नारी को आजादी का मार्ग दिखा दिया धन्य हो तुम माँ सीता तुमने नारी का मन जीता बढाया था तुमने पहला कदम जीवन भर मिला तुम्हें बस गम पर नई राह तो दिखला दी नारी को आज़ादी …
Read More »नारी तुझे सलाम: महिला दिवस के सन्दर्भ में हिंदी कविता
नारी तुझे सलाम इश्क में तू जुनून में तू कोयल के कुहु में तू माँ भी तू ममता भी तू अदम्य साहस की क्षमता भी तू कला में तू विज्ञान में तू देश के निरंतर उत्थान में तू संसार में तू सर-हद पार में तू आधुनिक विमर्श-विचार में तू लक्ष्मी भी तू सरस्वती भी तू असंख्य रूप पार्वती की तू …
Read More »वीर शिवाजी: छत्रपति शिवाजी पर वीर रस कविता
वीर शिवाजी भोसले का जन्म 19 फरवरी 1630 को महाराष्ट्र के शिवनेरी दुर्ग में हुआ था। उनके पिता शाहजी भोसले सेनापति थे और उनकी माता जीजाबाई एक धार्मिक महिला थीं। मां से ही शिवाजी को धर्म और आध्यात्म की शिक्षा मिली थी। वीर शिवाजी बचपन से ही सामंती प्रथा के खिलाफ थे और मुगल शासकों द्वारा प्रजा के प्रति क्रूर …
Read More »शिवा-बावनी: कवि भूषण द्वारा शिवाजी की शौर्यगाथा
शिवा-बावनी: कवि भूषण द्वारा शिवाजी की शौर्यगाथा – कवि भूषण वैसे तो रीति काल के कवि थे लेकिन उस दौर में उनकी कलम वीर रस से सराबोर थी। माना जाता है कि भूषण कई राजाओं के यहां रहे और वहां सम्मान प्राप्त किया। पन्ना के महाराज छत्रसाल के यहाँ इनका बड़ा मान हुआ। भूषण ने प्रमुख रूप से शिवाजी और …
Read More »चंद्रशेखर आजाद पर हिंदी कविता
चंद्रशेखर आजाद: सुशील कुमार शर्मा की हिंदी कविता तुम आजाद थे, आजाद हो, आजाद रहोगे, भारत की जवानियों के तुम खून में बहोगे। मौत से आंखें मिलाकर वह बात करता था, अंगदी व्यक्तित्व पर जमाना नाज करता था। असहयोग आंदोलन का वो प्रणेता था, भारत की स्वतंत्रता का वो चितेरा था। बापू से था प्रभावित, पर रास्ता अलग था, खौलता …
Read More »खण्डकाव्य चंद्रशेखर आजाद कुछ चुनिंदा अंश: श्रीकृष्ण सरल
श्रीकृष्ण सरल उन भारतीय कवियों और लेखकों में से एक हैं जिन्होंने भारतीय क्रांतिकारियों पर अनेक पुस्तकें लिखीं, जिनमें पन्द्रह महाकाव्य हैं। सरल जी ने अपना सम्पूर्ण लेखन भारतीय क्रांतिकारियों पर ही किया है। उन्होंने लेखन में कई विश्व कीर्तिमान स्थापित किए हैं। सर्वाधिक क्रांति-लेखन और सर्वाधिक महाकाव्य (पन्द्रह) लिखने का श्रेय सरलजी को ही जाता है। 1 जनवरी 1919 …
Read More »मिठाई: ओम प्रकाश बजाज की बाल-कविता
भारतीय मिठाई पर ओम प्रकाश बजाज की बाल-कविता भारतीय मिठाइयाँ या मिष्ठान्न शक्कर, अन्न और दूध के अलग अलग प्रकार से पकाने और मिलाने से बनती हैं। खीर और हलवा सबसे सामान्य मिठाइयाँ हैं जो प्रायः सभी के घर में बनती हैं। ज्यादातर मिठाइयाँ बाज़ार से खरीदी जाती हैं। मिठाइयाँ बनाने वाले पेशेवर बावर्चियों को ‘हलवाई’ कहते हैं। भारत की संस्कृति …
Read More »चश्मा: ओम प्रकाश बजाज जी की बाल-कविता
चश्मा (Glasses या eyeglasses या spectacles) आँखों के सुरक्षा या उनकी क्षमता को बढ़ाने वाले उपकरण हैं जो काँच या कठोर प्लास्टिक के लेंसों से बने होते हैं। ये लेंस धातु या प्लास्टिक के एक ढाँचे (फ्रेम) में मढ़े हुए होते हैं। चश्मा: ओम प्रकाश बजाज जी की बाल-कविता दादा जी जब चश्मा लगाते, तभी वह अखबार पढ़ पाते। मुन्ना …
Read More »लाल बहादुर शास्त्री: कमला प्रसाद चौरसिया
लाल बहादुर शास्त्री: बाल-कविता शास्त्री जी के बारे में पैदा हुआ उसी दिन,जिस दिन बापू ने था जन्म लिया।भारत-पाक युद्ध में जिसनेतोड़ दिया दुनिया का भ्रम॥ एक रहा है भारत सब दिन,सदा रहेगा एक।युगों-युगों से रहे हैं इसमेंभाषा-भाव अनेक॥आस्था और विश्वास अनेकों,होते हैं मानव के।लेकिन मानवता मानव कीरही सदा ही नेक॥कद से छोटा था लेकिन थाकर्म से बड़ा महान।हो सकता …
Read More »