क्या चाचा, लो जरा सा आईना तो देख लो… कितने दिन हो गए तुमने बाल भी नहीं सँवारे। सूरज की आवाज़ से मैं खिड़की से बाहर झाँकता हुआ जैसे नींद से जागा। मैंने पनियल आँखों से सूरज की ओर देखा, जो मेरा भतीजा था पर आज मेरे बेटे से बढ़कर मेरा साथ दे रहा था। वो मेरी मन-स्तिथि समझ गया …
Read More »नन्हे छोटू की बड़ी कहानी: मानवाधिकार पर बाल-कहानी
सर्दी की छुट्टियाँ आ गई थी और रिमझिम के तो खुशी के मारे पैर ज़मीन पर ही नहीं पड़ रहे थे। उसके पापा उसे उसकी बेस्ट फ्रैंड स्वाति के घर छोड़ने के लिए तीन दिन के लिए तैयार हो गए थे। रिमझिम और स्वाति एक दूसरे के साथ जी भर कर मस्ती करना चाहती थी, इसलिए दोनों ही बहुत खुश …
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