Once upon a time, long ago, there lived in India a monkey-boy called Hanuman. His father was Vayu, the god of the winds, and his mother was a monkey princess. Although he was only little, Hanuman had magic powers. He was also naughty. This is the story of some exciting adventures, which began in the beautiful valley of flowers, where …
Read More »Group of Monkeys, A Bell and A Brave Woman
Once upon a time, in the city of , there lived a thief. One day, he stole a temple bell and ran away into jungle. A tiger, who heard the sound of the bell, was curious to know where the sound was coming from. When he saw the thief, the tiger pounced upon him and killed him. The bell, fell …
Read More »हनुमान और सुरसा का शिक्षाप्रद प्रंसग
हनुमान जी भगवान राम के परम् भक्त थे। जब लंका का राजा रावण सीता को हर कर ले गया तो राम और लक्ष्मण वन वन सीता को खोजने लगे। एक दिन वे घूमते हुए किष्कंधा पहुचे। वहाँ उनकी उनकी भेंट हनुमान से हुई। हनुमान सुग्रीव के मंत्री थे। उन्होंने सुग्रीव के साथ राम लक्ष्मण की मित्रता कराई। सुग्रीव ने सीता …
Read More »आज़ादी: शराबी शेर की कहानी
एक जंगल में कुछ शिकारी आये। उन्होंने जाल बिछाया और एक शेर को पकड लिया। पिंजरे में शेर को बंध कर वो शहर ले आये, एक वैज्ञानिक ने उस शेर को ऊंचे दाम देकर खरीद लिया। उस वैज्ञानिक का मासूम प्राणियो पर तरह तरह के प्रयोग करना मनपसंद विषय था। इंसानों द्वारा प्रयोग की जाने वाली चीजो का प्राणियो पर …
Read More »महाराणा प्रताप की रानी: वीर राजपूत नारी की लोक कथा
वर्ष 1576 ई० में हल्दी घाटी का विकट युद्ध हुआ। यदि राणा चाहते तो अपने भाले की नोक से बाबर के घर का चिराग गुल कर देते, शहजादा सलीम के हाथी पर चेतक अपने अगले चरण रख चुका था। राजपूतों ने बड़ी वीरता दिखायी, मान का अभिमान विजयी हुआ। राणा के स्वामिभक्त सरदार माना ने उनकी जान बचायी। अकबर के …
Read More »“अभी दिल्ली दूर है” की कहावत और हजरत निज़ामुद्दीन औलिया
मध्यकाल में दिल्ली ही नहीं बल्कि सारे भारत के जनजीवन पर सूफियों का बड़ा प्रभाव था। यद्यपि सुलतान इसलाम के पालक और संरक्षक थे, मुल्लों और कठमुल्लों के बहकावे मे आ कर हिंदू प्रजा पर मनमाने अत्याचार भी करते थे। लेकिन सुलतान के अधिकांश अमीरों, विशेषतः आम जनता का सूफीमत की ओर अधिक झुकाव था। सूफी धर्म भारत के अद्वैतवाद …
Read More »घर की मुर्गी दाल बराबर: कहानियां कहावतों की
फकीरा बहुत गरीब था। मेहनत मज़दूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करता था। घर में अधिकतर दाल रोटियां ही बनती थी। एकादि बार प्याज की चटनी भी चल जाती थी। फिर शाम को दाल। कभी कभी हरी सब्ज़ी बनती थी। मीट तो बकरीद के समय ही बन पाता था। कभी खरीदकर लाते थे। कभी किसी के यहाँ से आ …
Read More »घर में नहीं दाने, अम्मा चली भुनाने: कहानियां कहावतों की
एक गरीब परिवार था। उसका खर्चा जैसे तैसे चल रहा था। घर में कभी दाल रोटी कभी सब्ज़ी रोटी। लेकिन महीने में भी कई दिन ऐसे आते थे जब बिना दाल सब्ज़ी के गुजरा होता था। कभी प्याज नमक से रोटियाँ खाते कभी चटनी के साथ। सभी एकादी आलू बचा लेते तो उसे उबालकर भरता बना लेते। कभी …
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