Tag Archives: Hindu Religious Places in India

श्री डुल्या मारुति मंदिर, गणेशपेठ, पुणे, महाराष्ट्र

श्री डुल्या मारुति मंदिर, गणेशपेठ, पुणे, महाराष्ट्र

श्री डुल्या मारुति मंदिर: आज हम आपको पुणे के गणेशपेठ में स्थापित हनुमान मंदिर के बारे में बारे में बताने जा रहे है, जो लगभग 300 साल पुराना अति भव्य और प्राचीन है। मंदिर में स्थापित बजरंगबली की प्रतिमा को साधारण से एक काले पत्थर पर अंकित किया गया है। मंदिर में स्थापित हनुमान जी के इस रूप को डुल्या मारुति …

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दुलादेव मंदिर: दुल्हादेव मंदिर या कुंवर नाथ मंदिर, खजुराहो, मध्य प्रदेश

दुलादेव मन्दिर: दुल्हादेव मन्दिर या कुंवरनाथ मंदिर, खजुराहो, मध्य प्रदेश

दुलादेव मंदिर: खजुराहो के मंदिर सुन्दर वास्तुकला और कामुक मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध हैं। पूरे साल मध्य प्रदेश के इस प्रसिद्ध स्थल में पर्यटकों, यात्रियों यहां तक कि इनके बारे में और जानने के लिए शोधकर्त्ताओं का भी तांता लगा रहता है। खजुराहो के कई मंदिर अपनी अति सुंदर कलाकृतियों तथा वास्तुकला के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं, जैसे …

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मार्तण्ड सूर्य मंदिर, मातन, अनंतनाग, जम्मू और कश्मीर

मार्तण्ड सूर्य मंदिर, मातन, अनंतनाग ज़िला, जम्मू और कश्मीर

Name: मार्तण्ड सूर्य मंदिर, मातन, अनंतनाग ज़िला (Martanda Surya Temple) Location: Sun Temple, Mattan, Anantnag District, Jammu and Kashmir 192125 India Deity: Surya (Martand) (Sun God) Affiliation: Hinduism Completed: 8th Century AD Demolished: 15th Century CE Creator: Lalitaditya Muktapida Architecture: Ancient Indian Martand Surya Mandir, Mattan, Jammu and Kashmir: कश्मीर के मार्तण्ड सूर्य मंदिर में मंत्रोउच्चारण के साथ हुई पूजा, अब …

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चौमुखनाथ मंदिर: नाचना हिंदू मंदिर, पन्ना जिला, मध्य प्रदेश

चौमुखनाथ मंदिर: नाचना हिंदू मंदिर, पन्ना जिला, मध्य प्रदेश

चौमुखनाथ मंदिर – नचना हिंदू मंदिर, जिन्हें नाचना-कुथारा में नाचना मंदिर या हिंदू मंदिर भी कहा जाता है,पन्ना जिले, मध्य प्रदेश, भारत में भुमरा और देवगढ़ के साथ मध्य भारत में सबसे पहले जीवित पत्थर के मंदिर हैं। उनकी डेटिंग अनिश्चित है, लेकिन उनकी शैली की तुलना उन संरचनाओं से की जा सकती है जिन्हें दिनांकित किया जा सकता है, …

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कमाल मौलाना मस्जिद या वाग्देवी मंदिर, भोजशाला, धार, मध्य प्रदेश

कमाल मौलाना मस्जिद या वाग्देवी मंदिर, भोजशाला, धार

खिलजी और दिलावर ने भोजशाला को रौंदा, लेकिन नहीं मिटा सके निशान: जानिए धार का वाग्देवी मंदिर कैसे बना कमाल मौलाना मस्जिद ‘भोजशाला’ ज्ञान और बुद्धि की देवी माता सरस्वती को समर्पित एक अनूठा और ऐतिहासिक मंदिर है। इसकी स्थापना राजा भोज ने की थी। राजा भोज (1000 – 1055 ई.) परमार राजवंश के सबसे बड़े शासक और शिक्षा एवं …

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वीरभद्र मंदिर लेपाक्षी, अनंतपुर जिला, आंध्र प्रदेश

वीरभद्र मंदिर लेपाक्षी: आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले के एक छोटे से ऐतिहासिक गांव लेपाक्षी में 16वीं शताब्दी का वीरभद्र मंदिर है। इसे लेपाक्षी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह रहस्यमयी मंदिर है जिसकी गुत्थी दुनिया का कोई भी इंजीनियर आज तक सुलझा नहीं पाया। ब्रिटेन के एक इंजीनियर ने भी इसे सुलझाने की काफी कोशिश की …

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विश्वदीप ओम आश्रम, जाडन, पाली, राजस्थान: भगवान शिव की 1008 प्रतिमाएं

विश्वदीप ओम गुरुकुल, पाली, राजस्थान

विश्वदीप ओम आश्रम: सृष्टि के रचियता कहे जाने वाले त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु, महेश को ओम का प्रतीक माना जाता है। राजस्थान के पाली जिले की मारवाड़ तहसील के जाड़न गांव में ओम की आकृति वाला शिव मंदिर बनकर तैयार है। इसका उद्घाटन 19 फरवरी, 2024 को होगा। World’s first Om Shaped Shiv Temple Jadan Ashram Pali Rajasthan Name: विश्वदीप ओम …

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वालीनाथ महादेव मंदिर, मेहसाणा, गुजरात: Shivdham Shri Valinath Temple

वालीनाथ महादेव मंदिर, मेहसाणा, गुजरात

वालीनाथ महादेव मंदिर, मेहसाणा, गुजरात: गुजरात के मेहसाणा में भव्य मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा 22 फरवरी 2024 के शुभ दिन गुरुपुष्य अमृत सिद्धि योग में प्रधानमंत्री मोदी के हाथों होगी। इस दौरान देश के कई साधू-संत वहाँ मौजूद रहेंगे। वालीनाथ महादेव मंदिर का इतिहास हमेशा से बहुत ही रोचक और भव्य माना जाता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि महाभारत …

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बाबा सोढल मेला, सोढल मंदिर, जालंधर, पंजाब: Baba Sodal Mandir

श्री सिद्ध बाबा सोढल मेला, सोढल मंदिर, जालंधर

श्री सिद्ध बाबा सोढल मेला: पंजाब को गुरुओं, पीरों की धरती व मेलों का प्रदेश कहा जाता है जिनमें जालंधर में लगने वाला श्री सिद्ध बाबा सोढल मेला अपना विशेष स्थान रखता है। भादों मास की अनंत चौदस को हर साल इस मेले का आयोजन सोढल मंदिर के आसपास होता है। मेला तीन-चार दिन पहले ही शुरू हो जाता है …

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स्तंभेश्वर महादेव, कावी-कमोई गाँव, जंबूसर तहसील, गुजरात

स्तंभेश्वर महादेव, कावी-कमोई गाँव, जंबूसर तहसील, गुजरात

स्तंभेश्वर महादेव मंदिर (Shree Stambheshwar Mahadev): गुजरात की राजधानी गांधीनगर से लगभग 175 कि.मी. दूर जंबूसर के कवि कंबोई गांव में मौजूद है। मंदिर 150 साल पुराना है, जो अरब सागर और खंभात की खाड़ी से घिरा हुआ है। इस मंदिर की महिमा देखने के लिए आपको यहां सुबह से लेकर रात तक रुकना पड़ेगा। भले ही भारत में समुद्र …

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