“दशहरे पर मैं रावण देखने जाऊंगी” दस साल की चित्राणी ने एलान कर दिया। “और मैं हमेशा की तरह नहीं ले जाऊँगा” पापा ने अखबार पढ़ते हुए ही जवाब दिया। “क्या हो जाएगा, अगर हम लोग रावण देखने चले जाएँगे… पूरी दुनिया तो जाती है” मम्मी ने हर साल की तरह रटा रटाया वाक्य दोहराया। मम्मी की बात पर चित्राणी …
Read More »मनु का होमवर्क: छात्रों के लिए प्रेरणादायक कहानी
“आज फ़िर तुम्हारी होमवर्क कॉपी में ढेर सारे लाल लाल निशान लगे हुए है” मम्मी ने थोड़ा गुस्से से मनु की ओर देखते हुए कहा। पर मनु भला मम्मी की बात कहाँ सुन रहा था, वह तो खिड़की से बाहर झाँकने में मगन था। इस बार मम्मी ने मनु का हाथ पकड़कर अपनी ओर खींचा और कॉपी दिखाते हुए कहा …
Read More »अनकहा सच: नाजायज रिश्तों की जायज कहानी
कितनी बार अपनी पसंदीदा नीली कलम उठाई और डायरी के बीच में फँसा दी। भूरे ज़िल्द की डायरी के सफ़ेद पन्नों ने जैसे अपनी उम्र पूरी कर ली हो और हल्की पीली चादर तान कर सोने जा रहे हो। तकदीर का खेल पर पन्नों के बीच छुपकर भला कहाँ चैन पाता है, वो तो आज़ाद होकर सबको अपनी उँगलियों पर …
Read More »विश्व स्वास्थ्य दिवस पर विशेष बाल कहानी: बंटी की दादी
ना जाने कहाँ छुपा बैठा हैं ये, रोज का इसका यह तमाशा हैं… आवाज़ लगा लगा कर तो मेरा गला दुःख गया हैं… मीनू उसे ढूंढते हुए बगीचे तक आ गई थी। आम के पेड़ के पीछे छुपे बैठे तीन साल के बंटी को देखकर मीनू का गुस्सा सातवे आसमान पर पहुँच गया था। उसने ना आव देखा ना ताव …
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