शांतनु की शैतानी के किस्से पूरे मोहल्ले में मशहूर थे। अगर किसी के घर की खिड़की का काँच टूटा हो तो देखने वाले को तुरंत समझ में आ जाता था कि बॉल ज़रूर शांतनु की होगी। अगर किसी के घर की कोई डोरबेल बजा कर भाग जाता था तो भी पता चल जाता था कि यह काम शांतनु का ही …
Read More »होली वाला बर्थडे: रोचक हिंदी बाल-कहानी
होली वाले दिन “मेरा हैप्पी बर्थडे है…” कहते हुए सात साल का गोलू सारे घर के कमरों में घूम रहा था। घर के सभी सदस्य होली के तैयारियों में व्यस्त थे इसलिए कोई भी उसकी बात पर ध्यान नहीं दे रहा था। थक हार कर वह अपनी माँ को सब जगह देखते हुए राजू भैया के कमरे में जा पहुँचा, …
Read More »निबलू की होली: शिक्षाप्रद हिंदी बाल कहानी
निबलू बहुत देर से बैठा बैठा शेरू के कान उमेंठ रहा था। बेचारा शेरू रह रह कर दर्द के मारे कूँ कूँ करके भागने की कोशिश कर रहा था पर चेन छोटी होने के कारण वह भाग भी नहीं पा रहा था। तभी मम्मी कमरे से बाहर निकल कर आई और बोली – “मैं होली के लिए मिठाई और गुलाल …
Read More »दीपक की होली: होली के त्यौहार पर शिक्षाप्रद बाल कहानी
“इस बार होली खेलने के लिए मैं तुम्हारे घर ही आ जाउंगी” सिमी ने राहुल से कहा। “हाँ, तुम्हारी छत बहुत बड़ी है। यहाँ से हमें आधा शहर तो यूँ ही दिख जाता है” मंजुल ने मुस्कुराते हुए कहा। “मैं तो गुलाबी रंग का गुलाल लगाउंगी। मुझे गुलाबी रंग बहुत पसंद है” सलोनी ने खुश होते हुए कहा। “कभी शीशे …
Read More »पुनर्जन्म: महिला दिवस के उपलक्ष में एक कहानी
अचानक ऐसा लगता हैं जैसे सब खत्म हो गया और दूसरे ही पल फिर सब कुछ पहले जैसा हो गया। क्या समुद्र के किनारे आराम से बैठकर मिट्टी के बड़े-बड़े महल बनाते बच्चों ने सोचा होगा कि केवल एक लहर, सिर्फ एक लहर ही काफ़ी हैं, अथक परिश्रम से बनाये गए उनके आलीशान महल को अपने साथ ले जाने के …
Read More »गोलू और मोबाइल: परिवार में मोबाइल की खलल
गोलू और मोबाइल: मंजरी शुक्ला – आज इतवार है और ख़ुशी के मारे गोलू सारे घर में इधर से उधर कूद रहा है। आज पापा ने उसके साथ चिड़ियाघर जाने का वादा जो किया है। तभी उसे अपने भैया की आवाज़ सुनाई दी। “गोलू, जल्दी से बाहर आओ तुम्हारा दोस्त पिंटू आया है”। पिंटू का नाम सुनते ही गोलू कमरे के …
Read More »दादी का चश्मा: दादी पोते की मार्मिक हिंदी कहानी
“दादी का चश्मा टूट गया” रोमी अपना होमवर्क छोड़कर मम्मी को बताने के लिए भागा। मम्मी उस वक्त टीवी देख रही थी। रोमी ने टीवी की तरफ़ देखा। टीवी में चिड़ियाघर का दृश्य चल रहा था। दो छोटे बच्चे लोहे के सीखचों के अंदर हाथ डालकर पिंजरें में बंद बंदरों को पत्थर मार रहे थे। चोट से बचने के लिए बन्दर …
Read More »शिबू का नया साल: गरीब विद्यार्थी की प्रेरक कहानी
नया साल आने वाला था और क्लास के सभी बच्चों में खुसुर पुसुर शुरू हो गई थी। सबको पता था कि इस साल भी प्रिंसिपल सर बच्चों के साथ नए साल पर कोई बढ़िया सा आइडिया लेकर आएँगे। क्लास का मॉनीटर दीपेश डस्टर से दस बार ब्लैक बोर्ड पोंछ चुका था पर प्रिंसिपल सर ने अभी तक एंट्री नहीं ली …
Read More »गब्बू का हैप्पी न्यू ईयर: नव वर्ष के उपलक्ष में हिंदी कहानी
गब्बू भालू बेच तो गुब्बारे रहा था पर उसका पूरा ध्यान, पेड़ पर लगे शहद के छत्ते पर था। मधुमक्खियाँ भी कम शैतान नहीं थी। वे भी अपने छत्ते में आराम से बैठकर गब्बू को देख रही थी और हँस रही थी। उन्होंने टॉमी कुत्ते को थोड़ा सा शहद देकर अपनी तरफ़ मिला लिया था। टॉमी को शहद इतना पसँद …
Read More »सौदा: लालची बाप के बिकाऊ बेटे की हास्य कहानी
मेरे पिताजी से ज्यादा दरियादिल और महान इंसान मैंने आज तक नहीं देखा। दरियादिल इसलिए क्योंकि उनके दिल में कंजूसी और कृपणता दोनों का दरिया पूरे वेग के साथ बहता है और महान इसलिए क्योंकि वह कंजूसी के साम्राज्य के वो महान सम्राट है जिनकी टक्कर में कोई खड़ा ही नहीं हो सकता। घर हो या बाहर, वो जहाँ भी …
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