Tag Archives: Hindi Poems on Emptiness

अवगुंठित: सुमित्रानंदन पंत की हिंदी प्रेम कविता

अवगुंठित: सुमित्रानंदन पंत (20 मई 1900 – 28 दिसम्बर 1977) हिंदी के सुप्रसिद्ध कवि और लेखक थे। उनका जन्म अल्मोड़ा (उत्तर प्रदेश) के कैसोनी गाँव में हुआ था। इनके जन्म के पश्चात् ही इनकी माँ चल बसी और इनका पालन-पोषण इनकी दादी ने ही किया। आपका वास्तविक नाम गुसाईं दत्त था और बाद में आपने अपना नाम सुमित्रानंदन पंत रख …

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मौन निमंत्रण: सुमित्रानंदन पंत

मौन निमंत्रण: सुमित्रानंदन पंत

मौन निमंत्रण: सुमित्रानंदन पंत को प्रकृति का सुकुमार कवि कहा जाता है। उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से प्रकृति के विभिन्न उपादानों का बड़ी सुंदरता से वर्णन किया है। ‘मौन निमंत्रण‘ कविता की शुरुआत भी रात की प्रकृति से हुई है। कविता आरंभ में वे लिखते हैं कि रात में चांदनी फैली हुई थी। चांदनी में किसी की तरह चंचलता …

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कृष्ण मुक्ति: राजीव कृष्ण सक्सेना

कृष्ण मुक्ति: राजीव कृष्ण सक्सेना

कृष्ण मुक्ति: राजीव कृष्ण सक्सेना – Lord Krishna was cursed by Gandhari that he would be killed by the arrow of a petty hunter in the forest. As if to fulfill this destiny, Lord Krishna went to Prabhasa forest and rested under a tree awaiting his death. A hunter mistaking his feet for a deer shot an arrow that brought …

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परशुराम की प्रतीक्षा: रामधारी सिंह दिनकर की कविता

परशुराम की प्रतीक्षा - रामधारी सिंह दिनकर

परशुराम की प्रतीक्षा: रामधारी सिंह दिनकर – A just society does not occur spontaneously. It has to be nurtured and protected with valor. Here is a poem so characteristic of Ramdhari Singh Dinkar. Compare with his other works like “Shakti Aur Kshma“, “Vijayi Ki Sadrish Jiyo Re” and Rashmirathi in this collection. Before the contemporary poem evolved as an expression …

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डस्टबिन: एक नारी की पीड़ा पर हिंदी कविता

डस्टबिन: एक नारी की पीड़ा पर हिंदी कविता

डस्टबिन: एक नारी की पीड़ा पर हिंदी कविता – वैसे तो प्राचीन काल से ही दुनिया भर में महिलाओ को पुरुषों की अपेक्षा निम्न स्थान दिया जाता रहा है, परन्तु शिक्षा और ओद्योगिक विकास के साथ साथ विकसित देशो में महिलाओ के प्रति सोच में परिवर्तन आया और नारी समाज को पुरुष के बराबर मान सम्मान और न्याय प्राप्त होने …

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नया सूरज लायेंगे: कोरोना व ठंड से घर में बंद बचपन

नया सूरज लायेंगे: कोरोना व ठंड से घर में बंद बचपन

कोरोना व ठंड में दबा बचपन: कोरोना कॉल में घर पर रह कर बच्चे चिड़-चिडे़ हो गए हैं। 6 से 12 साल के बच्चों पर ज्यादा असर देखने को मिल रहा है। बच्चों में भी डिप्रेशन के लक्षण दिख रहे हैं। खेलकूद बंद होने से बच्चों की दिनचर्या बदली है। बच्चों के बर्ताव में बदलाव दिख रहा है। स्कूल न …

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नव वर्ष के स्वागत में: रंजना सोनी

New Year Hindi Poem नव वर्ष के स्वागत में

नव वर्ष के स्वागत में: रंजना सोनी – नव वर्ष की प्रणाली ब्रह्माण्ड पर आधारित होती है, यह तब शुरु होता है जब सूर्य या चंद्रमा मेष के पहले बिंदु में प्रवेश करते हैं। आज, चंद्रमा मेष राशि में प्रवेश कर चुका है और दिन बाद अर्थात 13 अप्रैल को सूरज मेष राशि के पहले बिंदु में प्रवेश करेगा, जिस …

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नव वर्ष के कोरे पन्नों पर: नयें साल की कविता

नव वर्ष के कोरे पन्नों पर: नयें साल की कविता

नव वर्ष एक उत्सव की तरह पूरे विश्व में अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग तिथियों तथा विधियों से मनाया जाता है। विभिन्न सम्प्रदायों के नव वर्ष समारोह भिन्न-भिन्न होते हैं और इसके महत्त्व की भी विभिन्न संस्कृतियों में परस्पर भिन्नता है। भारत के विभिन्न हिस्सों में नव वर्ष अलग-अलग तिथियों को मनाया जाता है। प्रायः ये तिथि मार्च और अप्रैल के …

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उदास सांझ: कठोर कठिन थके हुए जीवन पर कविता

उदास सांझ: कठोर कठिन थके हुए जीवन पर कविता

As the sun sets and darkness prepares to engulf the world, a strange depression some times sets in our thoughts. In this lovely poem Maitreyee Ji has drawn a shabda chitra of this sense of restlessness. उदास सांझ: मैत्रेयी अनुरूपा दिनभर तपा धूप में थक कर‚ हो निढाल ये बूढ़ा सूरज‚ बैठ अधमरे घोड़ों पर – जो डगमग गिर गिर …

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राह कौन सी जाऊं मैं: अटल जी की चिंतन पर कविता

राह कौन सी जाऊं मैं: अटल जी की चिंतन पर कविता

There are dilemmas in life at every step. What to do? Which alternative to choose? And there are no authentic and correct answers. We must nonetheless make a choice. राह कौन सी जाऊं मैं: अटल बिहारी वाजपेयी चौराहे पर लुटता चीर‚ प्यादे से पिट गया वजीर‚ चलूं आखिरी चाल कि बाजी छोड़ विरक्ति रचाऊं मैं‚ राह कौन सी जाऊं मैं? …

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