ईद मुबारक पर कहानी – चारों ओर ईद की तैयारियाँ चल रही थीं। नगमा एक गरीब महिला थी, जो लोगों के घर काम करके पैसा कमाती थी। उसके साथ उसकी दस साल की बेटी सलमा भी अपनी माँ का काम समेटने में मदद करती थी। नगमा मोहम्मद साहब के घर काम करती थी। ईद के इस पावन पर्व पर मोहम्मद …
Read More »ईदगाह: प्रेमचंद की लोकप्रिय कहानी
ईदगाह: प्रेमचंद की लोकप्रिय कहानी – मुंशी प्रेमचंद (अंग्रेज़ी: Munshi Premchand, जन्म: 31 जुलाई, 1880 – मृत्यु: 8 अक्टूबर, 1936) भारत के उपन्यास सम्राट माने जाते हैं जिनके युग का विस्तार सन् 1880 से 1936 तक है। यह कालखण्ड भारत के इतिहास में बहुत महत्त्व का है। इस युग में भारत का स्वतंत्रता-संग्राम नई मंज़िलों से गुज़रा। प्रेमचंद का वास्तविक …
Read More »अप्रैल फूल के अवसर पर शिक्षाप्रद बाल-कहानी
अप्रैल फूल बाल-कहानी: चारों तरफ फ़ुसफ़ुसाहट हो रही थी। सभी बच्चे एक दूसरे को देखकर ऊपर से तो मुस्कुरा रहे थे पर मन ही मन एक दूसरे को अप्रैल फूल बनाने के लिए सोच रहे थे। ऐसा लग रहा था कि कक्षा में बहुत सारी मधुमक्खियाँ भिनभिना रही थी। तभी एक हाथ में रजिस्टर पकड़े हुए जोशी मैडम कक्षा में …
Read More »दोस्ती के रंगों वाली होली: दोस्तों संग होली के त्यौहार पर प्रेरणादायक कहानी
दोस्ती के रंगों वाली होली: “मैं होली पर बड़ी वाली लाल पिचकारी खरीदूंगा” अम्बर ने माही से कहा। “मैं तो पीले रंग वाली खरीदूंगी जो तेरी लाल से भी बड़ी होगी” माही ने कहा। “और मेरे से बड़ी पिचकारी तो किसी की हो ही नहीं सकती, जैसा कि तुम सभी जानते हो” सचिन ने मुस्कुराते हुए कहा। “मैं लाल और पीला …
Read More »वह दोस्त ही रहा: गोविंद शर्मा की सच्ची दोस्ती पर प्रेरणादायक हिंदी कहानी
वह दोस्त ही रहा: राजू और बिरजू दोनों दोस्त थे। दोनों 8वीं के छात्र, पर बिरजू एकदम पहलवानों जैसा। वह किसी से लड़ता-झगड़ता नहीं था, पर स्कूल के जो बच्चे उसे जानते थे, वे उससे डरते थे क्योंकि बिरजू को कोई छेड़ बैठता तो उसे वह सबक जरूर सिखाता। इसके विपरीत राजू कुछ कमजोर, पर शरारती पूरा। वह किसी न …
Read More »गणित का डर: वीर राजा की कहानी जो गणित से हार गया
गणित का डर: बहुत समय पहले की बात है बुद्धीनगर नाम के राज्य में एक राजा रहा करता था। राज्य के नाम के अनुसार ही वहाँ पर रहने वाले सब बड़े बुद्धिमान थे और किसी भी मुसीबत का हल चुटकियों में निकाल लेते थे। पर बुद्धीनगर का राजा, जिसका नाम तो था वीरसेन, बड़ा डरपोक था। वह अपने नाम के …
Read More »दिवाली के पटाखों की बाल-कहानी: दिवाली
दिवाली के पटाखों की बाल-कहानी: एक दुकान में ढेर सारे पटाखे सजे हुए रखे थे, जो दुकानदार ने दिवाली पर बेचने के लिए रखे हुए थे। पटाखों को यह देखकर बहुत दुःख होता था की जो बच्चे अच्छे कपड़े पहनकर अपने मम्मी पापा के साथ पटाखे लेने आते, उन्हें तो दुकानदार बड़े ही प्यार से पटाखे दिखता और बेचता पर …
Read More »चुन्नू की इको फ्रेंडली दिवाली: जन जागरूकता पर प्रेरक हिंदी बाल कहानी
इको फ्रेंडली दिवाली: सात साल का चुन्नू सुबह से ही पटाखे खरीदने की जिद कर रहा था। वह पापा के पास आते हुए बोला – “पटाखे लेने चलो, मेरे सब दोस्त ले आये है”। “अरे, बेटा, तुम पहले अपना होमवर्क तो खत्म कर लो फ़िर समय नहीं मिलेगा”। “अभी तो स्कूल खुलने में चार दिन है, आप पहले पटाखे लेने …
Read More »दिवाली की ऑनलाइन शॉपिंग: शिक्षाप्रद कहानी विद्यार्थियों और बच्चों के लिए
दिवाली की ऑनलाइन शॉपिंग: “ऑनलाइन शॉपिंग का क्या बुखार चढ़ा है तुम्हें”? रोहित आशीष के कमरे में घुसता हुआ बोला। “हा हा… कितने आराम से सभी चीज़े घर बैठे मिल जाती है और वो भी बहुत सस्ती” आशीष हँसते हुए बोला। दिवाली की ऑनलाइन शॉपिंग: मंजरी शुक्ला “वो तो ठीक है, पर इसका मतलब ये तो नहीं कि तू पेन …
Read More »दिवाली की सच्ची रोशनी: प्रेरक लघुकथा विद्यार्थियों और बच्चों के लिए
दिवाली की सच्ची रोशनी: पुराने समय की बात है। महीप नगर में रतनचंद और माणिकदत्त नामक दो व्यापारी रहते थे। दोनों ही नगर के सबसे अमीर व्यक्ति थे। वहां के राजा महीपाल बड़े ही न्यायप्रिय एवं प्रजा बत्सल थे। राजा को तरह-तरह की प्रतियोगिताएं आयोजित करने का विशेष शौक था। एक बार दिवाली के समय उन्होंने घोषणा करवाई कि दिवाली …
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