Tag Archives: Freedom Poems for Students

मेरा परिचय: अटल जी की हिंदुत्व पर देश प्रेम कविता

Atal Bihari Vajpayee Inspirational Desh Bhakti Poem मेरा परिचय

महाकवि डॉ. गोपालदास नीरज जितने साहित्य के मर्मज्ञ थे, उतने ही ज्योतिष शास्त्र में भी पारंगत। गुरुवार को अटलजी के निधन के साथ महाकवि की भविष्यवाणी भी सच साबित हो गई। दरअसल, नीरजजी ने नौ साल पहले 2009 में यह भविष्यवाणी की थी कि मेरे और अटलजी के निधन में 30 दिन से ज्यादा का अंतर न रहेगा। हुआ भी …

Read More »

Muharram: Devotional Poetry For Students

Muharram: Devotional Poetry For Students

Muharram marks the beginning of the Islamic New Year, but it is a period of mourning where Muslim Shia community commemorates the martyrdom of Hazrat Imam Hussain, the son of Hazrat Ali and grandson of Prophet Muhammad. Similar to last year, Dussehra and Ashura (10th day of Muharram) will be celebrated consecutively this year too. Both events in the history …

Read More »

मेरा नया बचपन: सुभद्रा कुमारी चौहान की हिंदी कविता

सुभद्रा कुमारी चौहान

मेरा नया बचपन: सुभद्रा कुमारी चौहान की हिंदी कविता – We all miss our childhood. That carefree time of fun without worries never returns. We are for ever stuck with the grown up world of endless worries, apprehensions and ambitions. Here is a very famous poem of Subhadra Kumari Chauhan about that lovely childhood. सुभद्रा कुमारी चौहान हिन्दी की सुप्रसिद्ध …

Read More »

बचपन: Short Hindi Poetry about Childhood

बचपन - वंश - Short Hindi Poetry about Childhood

बचपन जीवन का बहुत ही महत्वपूर्ण समय होता है। इसमें इतनी चंचलता और मिठास भरी होती है कि हर कोई फिर से इसे जीना चाहता है। बचपन में वह धीरे-धीरे चलना, गिर पड़ना और फिर से उठकर दौड़ लगाना बहुत याद आता है। पिताजी के कंधे पर बैठकर मेला देखने का जो मजा होता था वह अब नहीं आता है। …

Read More »

बचपन ही अच्छा था: WhatsApp से ली गयी कविता

बचपन ही अच्छा था

हम अक़सर कहते हैं, बचपन ही अच्छा था। कोई बड़ी परेशानी आती है और हमें किसी कारणवश उसका समाधान नहीं मिलता, तो यही भावना आती है, ‘बचपन ही अच्छा था’। अगर मैं अपनी बात करूं, तो मुझे तो कभी-कभी बच्चों से जलन भी होने लगती है। बचपन ही अच्छा था: WhatsApp से ली गयी कविता पूरी स्कूल लाईफ में सुबह˗सुबह …

Read More »

विजय भेरी: राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त देश प्रेम कविता

विजय भेरी: राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त देश प्रेम कविता

Here is an old classic poem by Rashtra Kavi Mathilisharan Gupt, praising the great and ancient motherland India. विजय भेरी: देश प्रेम कविता जीवन रण में फिर बजे विजय की भेरी। भारत फिर भी हो सफल साधना तेरी। आत्मा का अक्षय भाव जगाया तू ने, इस भाँति मृत्यु भय मार भगाया तू ने। है पुनर्जन्म का पता लगाया तू ने, …

Read More »

भारत महिमा: जयशंकर प्रसाद – भारतवर्ष का गुणगान

भारत महिमा - जयशंकर प्रसाद

जयशंकर प्रसाद (जन्म: 30 जनवरी, 1889, वाराणसी, उत्तर प्रदेश – मृत्यु: 15 नवम्बर, 1937) हिन्दी नाट्य जगत् और कथा साहित्य में एक विशिष्ट स्थान रखते हैं। कथा साहित्य के क्षेत्र में भी उनकी देन महत्त्वपूर्ण है। भावना-प्रधान कहानी लिखने वालों में जयशंकर प्रसाद अनुपम थे। Here is an excerpt from an old classic poem by Jaishankar Prasad. The beautiful rhythm, …

Read More »

शत् शत् नमन: उर्मिलेश की देश भक्ति कविता

शत् शत् नमन: उर्मिलेश की देश भक्ति कविता

भारत की आजादी की लड़ाई में यूं तो लाखों-करोड़ों हिंदुस्तानियों ने भाग लिया लेकिन कुछ ऐसे सपूत भी थे जो इस आजादी की लड़ाई के प्रतीक बनकर उभरे। राष्ट्रधर्म की खातिर क्रांति की पहली गोली चलाने वाले को भले ही तोपों से उड़ा दिया गया लेकिन जो चिंगारी उन्होंने लगाई उस आग में तपकर निकले स्वाधीनता सेनानियों ने अपने अहिंसक …

Read More »

गंगा की विदाई: गंगा नदी पर देश भक्ति कविता

Desh Prem Poem About Holy River Ganga गंगा की विदाई

Indian civilization owes its existence to the mighty Ganges originating in Himalaya. Ganga is the daughter of Himalaya. Here is an excerpt from a lovely poem by Makhanlal Chaturvedi, telling how the river transforms the great northern Indian planes as it flows to the ocean. Poet exhorts Himalaya to give Ganga to Saagar in Kanyadaan… शिखर–शिखरियों में मत रोको‚ उसकी …

Read More »