नेकी और नदी के बीच - राजकमल

नेकी और नदी के बीच – राजकमल

वह एक सोशल साइट पर वायरल वीडियो क्लिप थी। एक गुंडा सड़क पर एक लड़की को छेड़ रहा है। लड़की उस पर चिल्लाती है, पुलिस बुलाने की धमकी देती है। सड़क पर लोग जमा हो जाते हैं। सभी मूकदर्शक बने खड़े हैं। बदमाश लड़के के हौसले बुलंद हैं। वह लड़की को धकिया रहा है, उसके कपड़े खींच रहा है। वह कह रहा है- “पुलिस बुलाएगी? बुला पुलिस! बुला अपने हिमायती! देखता हूं तुझे कौन बचाता है…” सब ओर सन्नाटा! लड़की कातर भाव से इधर-उधर लोगों की ओर देखती है कि कोई तो आगे बढ़े, उसे बचाए। सन्नाटा बरकरार रहता है। अचानक वह गुंडा मूकदर्शकों से मुखातिब होता है – “इसकी चीखें आपको सुनाई नहीं दे रहीं! आप इसे बचाओगे नहीं? मुझे मारोगे नहीं? यह तड़प-तड़पकर दम तोड़ देगी, क्या तब आओगे? और तब इंडियागेट पर इसकी फोटो रख कर सैकड़ों मोमबत्तियां जलाओगे… हजारों की तादाद में सड़कों पर जाम लगाओगे… सरकार को निकम्मा साबित करोगे!” वह हंसता है, “तुम मुझसे क्या लड़ोगे, मुझे क्या मारोगे! पहले अपने आप से लड़ो, अपने अंदर के डर को मारो…” अब लड़की भी उसके साथ सहज रूप से खड़ी, लोगों को हिकारत से देख रही थी।

“अरे यह तो पांसा ही पलट गया!” एक ने आश्चर्य से कहा।

“ओह! तो यह सब नाटक था!” दूसरे को भी हैरानी हुई।

“और नहीं तो क्या? ताकि जागो लोगों! जगो! समय रहते कुछ करो और दोगलेपन से बाज आओ।” मोबाइल वाले लड़के ने कहा।

“सही कहा, परोपकार के लिए जान देने के जमाने गए… नहीं, नहीं! मैं कह रहा हूं कि आमतौर पर! कुछ मिसालें अब भी मिल जाती हैं।” तीसरे बुजुर्ग ने अपनी राय जोड़ दी।

“आजकल लड़कियों ने भी हद कर दी है साहब!” घृणा भरे लहजे में तीसरे ने कहा।

“अजी, घर-बाहर का भेद ही मिट गया है! ऐसे-ऐसे पहनावे, जो कभी घर में नहीं पहने जाते थे! और खुलेआम ऐसी-ऐसी हरकतें! हे ईश्वर! महाकलयुग!”

सभी लोगों ने सहमति में गर्दन हिला दी।

एक बुजुर्ग अब तक खामोश बैठे थे। इस बार उनके लबों में जुंबिश हुई। उन्होंने पहलू बदल कर गले की खराश मिटाई फिर गंभीर स्वर में बोले, “भैया! शहर और उसमें रहने वाले लोग- दोनों की हिफाजत की जिम्मेदारी सरकार की होती है। यानी पुलिस देखभाल करेगी। तो सोचो, फिर हर आदमी घर में ताला क्यों लगाता है? एक कहावत है- चीज न राखे आपनी और चोर को गाली दे। सो भैया, एक हद और जिम्मेदारी सब की बनती है। हम खुद किसी अनहोनी को न्योता तो नहीं दे रहे- यह सोचना तो पड़ेगा न! दूसरी बात यह कि सिक्के के दो पहलू होते हैं… जागरूक होने वाली बात सही है मगर…”

Check Also

Kalki 2898 AD: 2024 Indian epic science-fiction dystopian film

Kalki 2898 AD: 2024 Indian epic science-fiction dystopian film

Kalki 2898 AD : Movie Name Directed by: Nag Ashwin Starring: Prabhas, Amitabh Bachchan, Kamal …