Heart Touching Story of A Teacher and A Student गुरु दक्षिणा

गुरु दक्षिणा – डॉ. मंजरी शुक्ला

आज जाकर मेरी आत्मा को शान्ति मिलेगी… हमेशा मेरे लड़के से आगे रही आज देखता हूँ कैसे बिलख बिलख के रो रही होगी – मन ही मन शर्मा जी हँसते हुए बोले।

वो दरवाजा खटखटाते, इससे पहले ही दीनू की आवाज़ उनके कानों में पड़ी – “बिटिया, ये क्या कर दिया। जिस दिन का सपना देखकर तूने दिए की लौ में इतने साल पढ़ाई की, आज तूने उसी नौकरी को हँसते हँसते ऐसे ठुकरा दिया जैसे वो सपना तेरी आखों में कभी बसा ही नहीं।”

हमेशा की तरह सुरभि की मधुर और धीमी आवाज़ सुनाई दी – “बापू, अगर धीरज ये नौकरी नहीं पाता तो मास्टर जी का घर परिवार कैसे चलता। उनकी तीन तीन बेटियाँ हैं जिनका ब्याह होना हैं।”

मेरा क्या हैं बापू, मैं अगर फूल भी बेचूंगी तो सब कहेंगे कि माली की बेटी हैं फूल नहीं बेचती तो क्या करती, पर बापू, धीरज… वो तो मास्टर जी का बेटा हैं ना… कहते कहते सुरभि का गला रूंध गया और दीनू काका के दहाड़ मारकर रोने की आवाज़ बाहर तक आई जो शर्मा जी के कलेजे को चीरते हुए निकल गई। उनका कलेजा हिल गया और उनका दिल इतने जोर से धड़कने लगा कि उन्हें एक एक धड़कन सुनाई देने लगी। उन्हें लगा, उनकी नस नाड़ियों का रक्त जैसे जम गया हैं और वो चाह कर भी हिल डुल नहीं पा रहे हैं। उनका दिल चित्कार मार रहा था, आँखों से निकली बूँदें टप-टप करती सुरभि के घर की पवित्र मिट्टी को सींच रही थी।

उन्होंने काँपते हाथों से दरवाजा खोला और सुरभि के पास जाकर खड़े हो गए। दीनू हड़बड़ाकर उठ बैठा और गमछे से अपने आँसूं पोंछने लगा।

सुरभि ने झुककर तुरंत उनके पैर छूए। उन्होंने बोलना चाहा – “मुझ जैसा पतित इंसान तुझे आशीर्वाद देने के लायक भी नहीं हैं बेटी… पर शब्द जैसे आँसुओं के साथ गुंथकर उनके गले में ही फंस गए।”

अश्रुपूर्ण नेत्रों से उन्होंने सुरभि के सर पर हाथ फेरा और उसे हज़ारों दुआए देते हुए वे कमरे में आंसुओं की बड़ी बड़ी बूँदें गिराते हुए निकल गए…

~ डॉ. मंजरी शुक्ला

Check Also

BINU DANCE OF BAHAG BIHU

Bohag Bihu Festival Information: Assam Festival Rongali Bihu

Bohag Bihu Festival Information: The Rongali Bihu is the most important among all the three …