प्रभुदयाल श्रीवास्तव की प्रसिद्ध बाल-कविताएँ

प्रभुदयाल श्रीवास्तव की प्रसिद्ध बाल-कविताएँ

शीत लहर फिर आई: प्रभुदयाल श्रीवास्तव की बाल-कविता [9]

गलियों में शोर हुआ,
शोर हुआ सडकों पर।

शीत लहर फिर आई।

भजियों के दौर चले,
कल्लू के ढाबे में।
ठण्ड नहीं आई है,
फिर भी बहकावे में।

गरम चाय ने की है,
थोड़ी सी भरपाई।

शीत लहर फिर आई।

मुनियाँ की नाक बही,
गीला रूमाल हुआ।
शाळा में जाना भी,
जी का जंजाल हुआ।

आँखों की गागर ही,
आंसू से भर आई।

शीत लहर फिर आई।

दादाजी, दादी को,
दे रहे उलहने हैं।
स्वेटर पहिनो, हम तो,
चार-चार पहिने हैं।

अम्मा भी सिगड़ी के,
कान ऐंठ है आई।

शीत लहर फिर आई।

~ प्रभुदयाल श्रीवास्तव

Check Also

Hanuman - The Powerful

Hanuman: The Powerful – Poetry On Monkey God

Hanuman: The Powerful You are the monkey god, the real superman Son of Vayu Deva …