प्रभुदयाल श्रीवास्तव की प्रसिद्ध बाल-कविताएँ

प्रभुदयाल श्रीवास्तव की प्रसिद्ध बाल-कविताएँ

होगी पेपर लेस पढ़ाई: प्रभुदयाल श्रीवास्तव की बाल-कविता [5]

होगी पेपरलेस पढ़ाई,
बहुत आजकल हल्ला।
काग़ज़ की तो शामत आई,
बहुत आजकल हल्ला।

काग़ज़ पेन किताबों की तो,
कर ही देंगे छुट्टी।
बस्ते दादा से भी होगी,
पूरी पूरी कुट्टी।
पर होगी कैसे भरपाई,
बहुत आजकल हल्ला।

रबर पेंसिल परकारों का,
होगा काम न बाकी।
चाँदा सेटिस्क्वेयर कटर भी,
होंगे स्वर्ग निवासी।
होगी कैसे सहन जुदाई,
बहुत आजकल हल्ला।

ब्लेक बोर्ड का क्या होगा अब,
रोज़ पूछते दादा।
पेपरलेस पढ़ाई वाला,
होगा पागल आधा।
चाक क‌रेगी खूब लड़ाई,
बहुत आजकल हल्ला।

कभी किराना सब्जी लेने,
जब दादाजी जाते।
लेकर पेन किसी कापी में,
सब हिसाब लिख लाते।
हाय करें अब कहाँ लिखाई,
बहुत आजकल हल्ला।

रखे हाथ पर हाथ रिसानी,
बैठी मालिन काकी।
काग़ज़ पर ही तो लिखती है,
जोड़ घटाकर बाकी।
कर्ज़ बसूले कैसे भाई,
बहुत आजकल हल्ला।

काग़ज़ पेन किताबें ओझ‌ल,
कैसी होगी आँधी।
पूछो तो इन बातों से क्या,
सहमत होंगे गाँधी।
यह तो होगी बड़ी ढिठाई,
बहुत आजकल हल्ला।

~ प्रभुदयाल श्रीवास्तव

Check Also

Holika Dahan: Poetry About Holi Festival Celebrations In Hindus

Holika Dahan: Poetry About Holi Festival Celebrations In Hindus

Holika Dahan is celebrated by burning Holika, an asuri (demoness). For many traditions in Hinduism, …