यूँ तो हम कहलाते बाल,
भारत की शान बढ़ाएंगे
इस पर शीश झुकाएँगे।
जो हम से टकराएगा
मुफ्त में मारा जाएगा,
कह दो इस जहाँ से
पंगा न ले हिंदुस्तान से।
कहने को हमें जोश नहीं
ये मत समझो होश नहीं,
यह देश जो हमें बुलाएगा
हर बच्चा शीश कटाएगा।
जो हम से टकराएगा
मुफ्त में मारा जाएगा,
कह दो इस जहाँ से
पंगा न ले हिंदुस्तान से।
कहने को हमें जोश नहीं
ये मत समझो होश नहीं,
यह देश जो हमें बुलाएगा
हर बच्चा शीश कटाएगा।
World Forestry Day or International Day of Forests is celebrated worldwide every year on 21st …
It is my poem. My mother wrote this. 🙂