Eros Now: Eve Teasing With Hindu Sentiments

Eros Now: Eve Teasing With Hindu Sentiments

ईद पर झुक कर सलाम Vs नवरात्र पर कटरीना वाली ‘रात’ और सलमान की ‘डंडी’: Eros Now ने माँगी माफ़ी

“हिन्दुओं की सहिष्णुता का फ़ायदा उठा कर ErosNow जैसे कुछ संस्थान हमारी आस्था पर चोट करते हैं। इन सभी को यह समझना होगा कि अब बहुत हो चुका है, अब इस तरह की हरकतों का खुल कर विरोध किया जाएगा।”

इरोज नाउ (Eros Now) ने कुछ ही समय पहले ट्विटर पर एक क्षमा पत्र जारी किया। उन्होंने लिखा कि वह हर धर्म संस्कृति का बराबर सम्मान करते हैं, उनका उद्देश्य किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं था। इरोज नाउ को ऐसा करने की ज़रूरत क्यों पड़ी?

नवरात्र के मौके पर इरोज नाउ ने इस तरह की कई तस्वीरें साझा कीं, जो सांस्कृतिक त्यौहार के दृष्टिकोण से आपत्तिजनक थीं। जबकि अन्य मज़हब के त्यौहारों पर यही इरोज नाउ ने बेहद धर्म निरपेक्ष तरीके से शुभकामनाएँ दी थीं।

आलम यह था कि आज (22 अक्टूबर 2020) सुबह से ही ट्विटर पर #BoycottErosNow ट्रेंड कर रहा था। दरअसल हिन्दुओं के 9 दिन तक चलने वाले त्यौहार नवरात्र के मौके पर कंपनी की ओर से कई तस्वीरें ट्वीट की गईं और वह तस्वीरें ऐसी कतई नहीं थीं, जिनके ज़रिए एक त्यौहार की शुभकामनाएँ दी जाती हैं। इस मुद्दे पर विवाद बढ़ने के बाद इरोज नाउ ने अपनी तरफ से बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने सार्वजनिक रूप से माफ़ी माँगी। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा:

“हम हर संस्कृति का बराबर सम्मान करते हैं और उससे लगाव रखते हैं। हमारा लक्ष्य कभी किसी की भावनाएँ आहत करना नहीं था। हमने वह सारी पोस्ट हटा दी हैं, जिन पर लोगों ने आपत्ति जताई थी। अगर हमारी इस गतिविधि से किसी की भावनाओं को ठेस पहुँची हो तो हम उसके लिए क्षमा माँगते हैं।”

इसके बाद सवाल उठता है कि इरोज नाउ ने एक अलौकिक त्यौहार के अवसर पर ऐसा क्या साझा किया था, जिसके चलते विवाद इतना बड़ा हो गया।

जैसा कि इस ट्वीट में साफ़ देखा जा सकता है कि इरोज नाउ ने ईद के मौके पर कितनी शालीनता से बधाईयाँ दी हैं। वहीं नवरात्र के मौके पर दोयम दर्जे की मानसिकता का प्रदर्शन किया है।

ठीक ऐसे ही इस ट्वीट में भी देखा जा सकता है कि कैसे बॉलीवुड कलाकारों की तस्वीर का इस्तेमाल करके नवरात्र जैसे सांस्कृतिक त्यौहार के साथ खिलवाड़ किया गया है।

इस बात की कल्पना करना तक दुर्लभ है कि क्या जिस तरह की पंक्तियों का प्रयोग Eros Now ने नवरात्र के लिए किया है, वैसा किसी और मज़हब के त्यौहार के लिए किया जा सकता है?

इसके अलावा Eros Now के कुछ ट्वीट ऐसे हैं, जो सांकेतिक तौर पर आपत्तिजनक हैं और वह अभी तक हटाए नहीं गए हैं।

यह तमाम तस्वीरें Eros Now ने एक दो दिन पहले साझा की थी लेकिन विरोध होने के बाद सारी हटा ली गईं। लोगों ने इन तस्वीरों पर जम कर आपत्ति जताई। इस कड़ी में मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा,

“नवरात्रि माँ की आराधना का पावन पर्व है। इन पवित्र दिनों को लेकर @ErosNow ने जिस घटिया मानसिकता का प्रदर्शन किया है, वह बहुत ही निंदनीय है। @ErosNow को शर्म आनी चाहिए। अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर हिंदू धर्म की आस्था पर चोट को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

उन्होंने ट्वीट के दूसरे हिस्से में लिखा, “हिन्दुओं की सहिष्णुता का फ़ायदा उठा कर @ErosNow जैसे कुछ संस्थान हमारी आस्था पर चोट करते हैं। इन सभी को यह समझना होगा कि अब बहुत हो चुका है, हिन्दू अपनी आस्था पर किसी भी तरह चोट को बर्दाश्त नहीं करेगा। अब इस तरह की हरकतों का खुल कर विरोध किया जाएगा।”

इसके अलावा बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने भी इस मुद्दे पर ट्वीट करते हुए प्रतिक्रिया दी। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि हमें सिनेमा को इस तरह संरक्षित करना होगा कि वह लोगों के लिए समुदाय को दर्शाने वाला अनुभव प्रदान करे। क्योंकि इस दौर में कला भाव है इसलिए @ErosNow जैसे मंच फूहड़ता परोसने मज़बूत माध्यम बन चुके हैं।

यह पहला ऐसा मौक़ा नहीं है, जब सनातन त्यौहारों के साथ प्रयोग करके हिन्दुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ किया गया हो। हाल ही में तनिष्क ने एक विज्ञापन बनवाया था, जिसमें एक हिन्दू बहू की मुस्लिम परिवार में शादी के बाद गोद-भराई दिखाई जाती है और उसके ज़रिए समाज में छद्म सद्भाव पेश करने का प्रयास किया गया था। इसके बाद लोगों ने विज्ञापन का खुल कर विरोध किया, जिसके बाद तनिष्क ने माफ़ी माँगते हुए वह विज्ञापन हटा लिया था।

Eros / Bollywood make fun of Navratri- Solution to STOP IT! – Ishkaran Singh Bhandari

Check Also

क्रिसमस से पहले की शाम 1 लाख लोग करेंगे गीता पाठ, PM मोदी को भी न्योता

क्रिसमस से पहले की शाम 1 लाख लोग करेंगे गीता पाठ, PM मोदी को भी न्योता

हिन्दू संगठन को अनुमति नहीं दे रहा पश्चिम बंगाल का प्रशासन कोलकाता में सामूहिक गीता …