Hamleys toy store, London

खिलौनों की सबसे बड़ी और पुरानी दुकान – Hamleys Toy Store

लंदन की रीजेंट स्ट्रीट पर स्थित हैमलेज दुनिया की अपने तरह की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी खिलौनों की दुकान है। यहाँ अरब देशों के रईस शेख अपने बच्चों के लिए सबसे लेटेस्ट खिलौने खरीदने आतें हैं तो रूसी कुलीन वर्ग के लोग भी अपने बच्चों के लिए ट्रक भर कर यहीं से खिलौने ले जाते हैं।

असल में यह सहज एक टॉय स्टोर नही, एक एडवेंचर जोन अधिक है।

Michael Jackson at Hamleys Storeइसके इतिहास में 1996 का वह दिन खासतौर पर दर्ज है जब 90 मिनट के लिए यह दुकान आम जनता के लिए बंद कर दी गई थी ताकि ‘किंग ऑफ़ पॉप’ के नाम से मशहूर पॉप गायक और डांसर माइकल जैक्सन सुकून से यहाँ खिलौनों की खरीदारी कर सके।

हैम्लेज की स्थापना 1860 में हुई थी। इसका मुख्य स्टोर 1881 से रीजेंट स्ट्रीट पर बने सात मंजिले ईमारत में 5 हज़ार वर्ग मीटर में फैला है। इस दुकान में बिक्री बढ़ाने के तरीके भी कम अनूठे नही है। सबसे ख़ास बात है की खिलौने खरीदने से पहले बच्चे उनके साथ खेल सकते हैं। यहाँ उन्हें खिलौनों को इस्तेमाल करने की पूरी छूट है। खिलौने घर ले जाने पर बच्चों के लिए उपयुक्त रहेंगे या नही, यह माता – पिता को चिंता हमेशा रहती है लेकिन इस दुकान में उनकी यह चिंता इसी वजह से दूर हो जाती है क्योंकि उनके बच्चे खिलौनों को दूकान पर ही जांच सकते हैं।

इस दूकान में बच्चों के लिए बहुत कुछ है। बच्चों का मन बहलाये रखने के लिए वहां उन्हें अनोखी आकृतियों में गुब्बारे फुला कर देने से लेकर नकली बर्फ का इंतजाम भी है जो पानी डालने पर अचानक कई गुना बड़ जाती है।

वहां अक्सर कई तरह कि छूट के प्रस्ताव भी दिए जाते रहते हैं जैसे 2 कि कीमत में 3 खरीदिए, एक के साथ एक मुफ्त पाइए आदि।

कभी – कभी खासकर क्रिसमस जैसे उत्सवों के मौकों पर ग्राहकों की वहां इतनी भीड़ होती है कि एक प्रवेश द्वार को केवल निकासी के लिए ही आरक्षित कर दिया जाता है। कई बार तो दूकान में प्रवेश का इन्तजार करने वाले लोगों कि लाइने सड़क तक पहुँच जाती हैं।

इस दूकान में प्रबंधकों ने अधिक से अधिक ग्राहकों को आरक्षित करने के लिए कई अनूठे तरीके ईजाद किये हुए हैं।

एक जर्मन मनोवैज्ञानिक वैजा लूथेज के अनुसार यहाँ खिलौनों को प्रदर्शित करने का तरीका बच्चों को बहुत पसंद अत है। इसकी एक सरल विधि है ‘मोशन’ का इस्तेमाल करना। दरअसल,शैल्फ पर पड़ी हिलने – जुलने वाली चीज किसी भी स्थिर पड़ी चीज से कही अधिक आकर्षित करती है।

ग्राहक शैलफोन के बीच से गुजरते हैं तो एक तरफ से साबुन के बुलबुले उन पर फेंके जाते हैं जबकि उनके सिर के ठीक ऊपर एक छोटा ड्रोन चक्कर काट रहा होता है।

हलाकि कई लंदन वासियों के लिए यह सब आम बातें हैं क्योंकि वे अक्सर इस दूकान में आते रहते हैं जैसे कि दो 20 वर्षीय युवतियां आराम से इस स्टोर के अनोखे आकर्षणों पर नजर डाले बिना रिमोट कंट्रोल से चलने वाली कारों की तलाश करती दिखाई देती हैं। उनमें से एक यह बोलती सुनाई देती है कि यहाँ कुछ भी चुनना बहुत मुश्किल है क्योंकि यहाँ विकल्प ही इतने ज्यादा हैं। उसकी दोस्त चारों तरफ नजरें घुमाकर बोलती है कि यह दूकान तो किसी शहर से कम नही ही।

हलाकि मनोवैज्ञानिकों कि सलाह है कि बच्चों को बहुत अधिक संख्या से खिलौने लेकर नही देने चाहिए। छोटे बच्चों के लिए किसी भी छुटियों के दौरान 3 खिलौने काफी होते हैं। बड़े बच्चों की ख्वाहिशें समय के साथ बढ़ती और महंगी होती जाती हैं। ऐसे में अगर किसी बच्चे के साथ माता – पिता अरबपति न हों तो उसे कितने उपहार या खिलौने मिले, यह समय के साथ अपने आप तय हो जाता है। मनोवैज्ञानिक यह भी सलाह देते हैं कि किसी भी बड़े आयोजन जैसे किसी त्यौहार या जन्मदिन से पहले उन्हें दिए जाने वाले उपहार के बारे में बच्चों से चर्चा कर ली जाए ताकि उनकी पसंद के खिलौने उन्हें लेकर दिए जा सकें।

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