Stories in Hindi

ऐसे मना दशहरा: मंजरी शुक्ला की हास्यप्रद बाल-कहानी दशहरा के त्योहार पर

हास्यप्रद बाल-कहानी: ऐसे मना दशहरा

ऐसे मना दशहरा:  “दशहरे पर मैं रावण देखने जाऊंगी” दस साल की चित्राणी ने एलान कर दिया। “और मैं हमेशा की तरह नहीं ले जाऊँगा” पापा ने अखबार पढ़ते हुए ही जवाब दिया। “क्या हो जाएगा, अगर हम लोग रावण देखने चले जाएँगे… पूरी दुनिया तो जाती है” मम्मी ने हर साल की तरह रटा रटाया वाक्य दोहराया। मम्मी की …

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ईमानदारी का सबक: ईमानदार गरीब ठेले वाले की प्रेरणादायक बाल-कहानी

ईमानदारी का सबक: गरीब ठेले वाली की ईमानदारी की प्रेरणादायक कहानी

ईमानदारी का सबक: गिरधारी चाचा हमारे विद्यालय की बगल में ही चाट-पकौड़ी का ठेला लगाते थे जिस पर वह गर्मा-गर्म पूरियां, छोले, गोलगप्पे और चाट बेचते जिनकी प्रसिद्धि बहुत दूर-दूर तक थी। वह सुबह उठकर ठेला लगाते थे। उनके ठेला लगाने भर की बस देर होती, ग्राहक उन्हें चीटियों की मानिद घेर लेते। हमारे स्कूल के नजदीक ही बस स्टैंड …

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संकल्प: हिंदुस्तान के सैनिक की बहादुर बेटी के दृड़ निश्चय पर शिक्षाप्रद कहानी

संकल्प: हिंदुस्तान के सैनिक की बहादुर बेटी के दृड़ निश्चय पर शिक्षाप्रद कहानी

संकल्प: नेहा की आयु 5 वर्ष थी। एक दिन जब स्कूल में Parent-Teacher meeting हुई तो किसी कारण उसकी मम्मी स्कूल न आ पाईं। नेहा को मन ही मन मम्मी पर गुस्सा आ रहा था। आखिर स्कूल में छुट्टी हुई तो नेहा सीधी घर आई। जब वह कमरे में आई तो देखा कि उसकौ मम्मी बिस्तर पर पड़ी हैं और …

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देवी: उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की लघुकथा (प्रेमचंद की सबसे छोटी कहानी)

Munshi Premchand Short Hindi Story Devi देवी

देवी: उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की लघुकथा – रात भीग चुकी थी। मैं बरामदे में खड़ा था। सामने अमीनुद्दौला पार्क नींद में डूबा खड़ा था। सिर्फ एक औरत एक तकियादार बेंच पर बैठी हुई थी। पार्क के बाहर सड़क के किनारे एक फ़कीर खड़ा राहगीरों को दुआयें दे रहा था – खुदा और रसूल का वास्ता… राम और भगवान का …

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पूस की रात: कथा सम्राट प्रेमचंद की लोकप्रिय कहानी

Munshi Premchand's Short Hindi Story पूस की रात

पूस की रात: कथा सम्राट प्रेमचंद की लोकप्रिय कहानी – कथा सम्राट प्रेमचंद (31 जुलाई 1880 लमही, उत्तर प्रदेश, भारत – 8 अक्टूबर 1936 वाराणसी, उत्तर प्रदेश, भारत) ने हिन्‍दी के खजाने में कई अनमोल रत्‍न जोड़े हैं। महज आठ साल की उम्र में प्रेमचंद की मां का स्वर्गवास होने और पिता द्वारा दूसरी शादी करने के चलते उनके बाल …

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दो बैलों की कथा: मुंशी प्रेमचंद की लोकप्रिय हिंदी कहानी

Munshi Premchand Classic Hindi Story दो बैलों की कथा

कथाकार मुंशी प्रेमचंद भारत के ही नहीं, दुनियाभर में विख्यात हुए और ‘कथा सम्राट‘ कहलाए। प्रेमचंद की जयंती 31 जुलाई को बड़े ही उत्‍साह से मनाई जाती  है। इस खास मौके पर उनकी कहानी ‘दो बैलों की कथा‘ पढ़कर अपनी यादें ताजा कर लीजिए… दो बैलों की कथा [1]: हीरा और मोती जानवरों में गधा सबसे ज्यादा बुद्धिमान समझा जाता …

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बड़े घर की बेटी: ग्रामीण घर गृहस्थी पर मुंशी प्रेमचंद की अमर कहानी

Munshi Premchand Short Story Bade Ghar Ki Beti in Hindi बड़े घर की बेटी

बड़े घर की बेटी मुंशी प्रेमचंद जी द्वारा लिखित प्रसिद्ध कहानी है। इस कहानी में उन्होंने संयुक्त परिवार में उत्पन्न होने वाली समस्याओं, कलहों, बात का बतंगड़ बन जाने और फिर आपसी समझदारी से बिगड़ती परिस्थिति को सामान्य करने का हुनर को दर्शाया है। बड़े घर की बेटी में कहानीकार ने पारिवारिक मनोविज्ञान को बड़ी ही सूक्ष्मता से बेनीमाधव सिंह, …

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ईदगाह: प्रेमचंद की लोकप्रिय कहानी

ईदगाह - Heart Touching Hindi Story by Munshi Premchand

ईदगाह: प्रेमचंद की लोकप्रिय कहानी – मुंशी प्रेमचंद (अंग्रेज़ी: Munshi Premchand, जन्म: 31 जुलाई, 1880 – मृत्यु: 8 अक्टूबर, 1936) भारत के उपन्यास सम्राट माने जाते हैं जिनके युग का विस्तार सन् 1880 से 1936 तक है। यह कालखण्ड भारत के इतिहास में बहुत महत्त्व का है। इस युग में भारत का स्वतंत्रता-संग्राम नई मंज़िलों से गुज़रा। प्रेमचंद का वास्तविक …

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दोस्त की पहचान: मुसीबत में ही सच्चे मित्र की पहचान होती है

दोस्त की पहचान: मुसीबत में ही सच्चे मित्र की पहचान होती है

दोस्त की पहचान: केशव प्रसाद दो महीनों से बहुत परेशान थे। उनके इकलौते बेटे का नाम तो उसकी दादी ने प्रेम कुमार रखा था पर सभी उसे लव कह कर बुलाते थे। लव 10वीं कक्षा तक तो ठीक था, पर कालेज में दाखिला लेते ही उसके रंग अलग ही नजर आने लगे थे। शाम को घर से निकलना और देर …

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हैप्पी टीचर्स डे: डॉ. मंजरी शुक्ला – दिल को छू लेने वाली हिंदी बाल-कहानी

हैप्पी टीचर्स डे: दिल को छू लेने वाली हिंदी बाल-कहानी

आज जब रोहित स्कूल के लिए निकला तो उसे घर के सामने वाली सड़क पर उसी की उम्र का बच्चा फूल बेचते हुए दिखा। रोहित को लगा कि उसने उस लड़के को पहले भी कहीं देखा है। वह बहुत गौर से उसे देखने लगा पर बहुत याद करने पर भी उसे कुछ याद नहीं आया। कई बार रोहित सड़क पर …

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