Poems In Hindi

बच्चों की हिन्दी कविताएं — 4to40 का हिन्दी कविताओ का संग्रह | Hindi Poems for Kids — A collection of Hindi poems for children. पढ़िए कुछ मजेदार, चुलबुली, नन्ही और बड़ी हिंदी कविताएँ. इस संग्रह में आप को बच्चो और बड़ो के लिए ढेर सारी कविताएँ मिलेंगी.

और भी दूँ: रामावतार त्यागी – पढ़ने मात्र से धधक उठेंगी देश भक्ति की ज्वाला

और भी दूँ: रामावतार त्यागी

और भी दूँ: रामावतार त्यागी, जो “त्यागी” के नाम से भी जाने जाते है (17 March 1925 – 12 April 1985) एक भारतीय हिंदी कवि थे। त्यागी ने 15 से भी ज्यादा किताबें लिखी थी और उनकी कविताएं राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की किताबों में नौवीं और बारहवीं के पाठयक्रम में पढ़ाई जाती है। रामावतार त्यागी का …

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महाशिवरात्रि फिल्म भजन: सुबह सुबह ले शिव का नाम – कर ले बन्दे यह काम

सुबह सुबह ले शिव का नाम: महाशिवरात्रि भजन

महाशिवरात्रि फिल्म भजन: शिव महिमा फिल्म से सुबह सुबह ले शिव का नाम, कर ले बन्दे यह शुभ काम। सुबह सुबह ले शिव का नाम, शिव आयेंगे तेरे काम॥ ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय खुद को राख लपेटे फिरते, औरों को देते धन धाम। देवो के हित विष पी डाला, नील कंठ को कोटि प्रणाम॥ सुबह …

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महाशिवरात्रि भजन: अरुणाचल शिवा साईं शंकरा

महाशिवरात्रि भजन

महाशिवरात्रि भजन अरुणाचल शिवा साईं शंकरा नाचो हे नटराज भस्म भूषण नागाभरणा नाचो हे शिवा राज तांडव प्रिया करा, नटना नटेश्वर, नाचो हे नटराज नाचो हे नटराज दमा दमा दमा दमा डमरू बजावो झना झना झना झना पायलिया धिमिकी धिमिकी धीमी, धिमिकी धिमिकी धीमी, नाचो हे नटराज नाचो हे नटराज महाशिवरात्रि भजन और गानों पर भोलेनाथ की भक्ती में झूम जाएंगे …

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जय शिव शंकर: महाशिवरात्रि भजन

Lord Shiva - Hindu God

जय शिव शंकर, स्वामी जय शिव शंकर कष्ट हरो स्वामी हमार, स्वामी कष्ट हरो हमार शरण में अपनी ले के भगवन, मौका दो अपनी सेवा का हे मेरे भोलेनाथ, यही विनती करता हूँ स्वामीनाथ क्या माया है क्या नहीं, मैं अज्ञानी नहीं जानू मेरे स्वामी मैं तो आपको सर्वस्व मानु अपना सेवक बना लो भगवन, मैं ना चाहुँ ये संसार …

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ब्रह्मा मुरारी सदा पूजितः महाशिवरात्रि संस्कृत भजन

शिव के नाम में छिपे रहस्य

महाशिवरात्रि संस्कृत भजन ब्रह्मा मुरारी सदा पूजितः नमः शिवाय नमः शिवाय बिल्वचारना प्रिया भवानी शंकरा नमः शिवाय नमः शिवाय मृत्युंजय महादेव महादेव महेश्वरा महेश्वरा नमः शिवाय नमः शिवाय भस्मो धुळीथा थेजो विग्रह नमः शिवाय नमः शिवाय लिंगोद्भवकारा साईं महेश्वरा महेश्वरा नमः शिवाय नमः शिवाय नमः शिवाय नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय, शिवाय नमः ॐ ॐ नमः शिवाय, शिवाय नमः ॐ …

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महिला दिवस पर कविता: पहली नारी

महिला दिवस पर कविता - पहली नारी

मेरा प्रणाम है पहली नारी सीता को जिसने एक सीमा (लक्ष्मण रेखा) को तोडकर भले ही जीवन भर अथाह दुख सहे लेकिन आधुनिक नारी को आजादी का मार्ग दिखा दिया… महिला दिवस पर कविता धन्य हो तुम माँ सीता तुमने नारी का मन जीता बढाया था तुमने पहला कदम जीवन भर मिला तुम्हें बस गम पर नई राह तो दिखला …

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नारी तुझे सलाम: महिला दिवस के सन्दर्भ में हिंदी कविता

नारी तुझे सलाम Women's Day Special Hindi Poem

नारी तुझे सलाम: महिला दिवस के सन्दर्भ में हिंदी कविता – दुनिया भर में हर साल 8 मार्च को महिला दिवस मनाया जाता है। महिला दिवस के नाम से ही जाहिर है कि ये दिन महिलाओं को समर्पित है। महिला दिवस के बहाने हम देश-दुनिया की ऐसी महिलाओं को याद करते हैं जिन्होंने वैश्विक पटल पर अपनी अमिट छाप छोड़ी …

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वर दे वीणावादिनी: Suryakant Tripathi ‘Nirala’ Saraswati Vandana

Suryakant Tripathi 'Nirala' Saraswati Vandana in Hindi वर दे वीणावादिनि

वर दे वीणावादिनी – an old classic by the famous poet Suryakant Tripathi Nirala. This lovely composition in chaste Hindi is a pleasure to sing loudly for its sheer rhythm and zing. On this Independence Day, this national poem should be shared by all. निराला ने 1920 ई० के आसपास से लेखन कार्य आरंभ किया। उनकी पहली रचना ‘जन्मभूमि’ पर …

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Saraswati Vandana Mantra: Recited for higher knowledge & wisdom

Saraswati Vandana Mantra सरस्वती वंदना मंत्र

Saraswati Vandana Mantra (सरस्वती वंदना मंत्र) is an important hindu mantra that is recited for higher knowledge and wisdom. The goddess Saraswati is the authority on academics and the arts. Everybody from musicians to scientists following Hinduism pray to her for guidance and knowledge. The Saraswati Vandana Mantra is recited by her devotees every morning for good luck. Everyone has …

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मेरे देश की धरती सोना उगले: गुलशन बावरा का देश प्रेम फ़िल्मी गीत

मेरे देश की धरती सोना उगले - गुलशन बावरा

मेरे देश की धरती सोना उगले: गुलशन छह वर्ष की उम्र में कविता लिखने लगे थे। बचपन में ही मौत का दंश झेलने वाले गुलशन के गीतों में दर्द छलकता रहा। लोग इसमें डूबते रहे। विभाजन के बाद दिल्ली आकर यहां स्नातक की पढ़ाई की। इसके बाद मुंबई में गए और वहां संघर्ष शुरू हुआ। रेलवे में लिपिक की नौकरी की …

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