Udaybhanu Hans

उदयभानु ‘हंस’ जन्‍म– 2 अगस्‍त 1926। शिक्षा– प्रभाकर, शास्‍त्री एवं एम.ए. (हिन्‍दी)। कार्यक्षेत्र– अध्यापन एवं लेखन। सनातन धर्म संस्‍कृत कॉलेज, मुलतान (1945-1947), रामजस कॉलेज, दिल्‍ली (1952-1953), गवर्नमेंट कॉलेज, हिसार (1954) - प्रिंसिपल पद से सेवानिवृत्‍त (1988)। प्रकाशित कृतियाँ– ‘उदयभानु हंस रचनावली’ दो खंड (कविता) दो खंड (गद्य)। सम्मान एवं पुरस्कार– अनेक सम्मानों व पुरस्कारों से अलंकृत। देश विदेश में कविता-पाठ के लिए आमंत्रित कवि, ‘दूरदर्शन’ के दिल्‍ली एवं जालन्‍धर केन्‍द्रों द्वारा तीस-तीस मिनट के दो ‘वृत्‍तचित्रों’ का निर्माण एवं प्रसारण, हिन्‍दी में ‘रूबाई’ के प्रवर्तक कवि 1948 ‘रूबाई सम्राट’ नाम से लोकप्रिय।

भेड़ियों के ढंग – उदयभानु ‘हंस’

भेड़ियों के ढंग By Udaybhanu Hans

देखिये कैसे बदलती आज दुनिया रंग आदमी की शक्ल, सूरत, आचरण में भेड़ियों के ढंग। द्रौपदी फिर लुट रही है दिन दहाड़े मौन पांडव देखते है आंख फाड़े हो गया है सत्य अंधा, न्याय बहरा, और धर्म अपंग। नीव पर ही तो शिखर का रथ चलेगा जड़ नहीं तो तरु भला कैसे फलेगा देखना आकाश में कब तक उड़ेगा, डोर–हीन पतंग। …

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