Divanshu Goyal Sparsh

Works at GS Engineering. Attends Malaviya National Institute of Technology, Jaipur. Lives in Jaipur.

बच्चे की नींद – दिवांशु गोयल ‘स्पर्श’

बच्चे की नींद - दिवांशु गोयल ‘स्पर्श’

गहराती रात में, टिमटिमाती दो आँखें, एक में सपने, एक भूख, अंतर्द्वंद दोनों का, समय के विरुद्ध, एक आकाश में उड़ाता है, एक जमीं पे लाता है, एक पल के लिए, सपने जीत चुके थे मगर, भूख ने अपना जाल बिखेरा, ला पटका सपनों को, यथार्थ की झोली में, सब कुछ बिकाऊ है यहाँ, सपने, हकीकत और भूख, और बिकाऊ …

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मुझे अभिमान हो – दिवांशु गोयल ‘स्पर्श’

मुझे अभिमान हो - दिवांशु गोयल ‘स्पर्श’

आज मुझे फिर इस बात का गुमान हो, मस्जिद में भजन, मंदिरों में अज़ान हो, खून का रंग फिर एक जैसा हो, तुम मनाओ दिवाली, मैं कहूं रमजान हो, तेरे घर भगवान की पूजा हो, मेरे घर भी रखी एक कुरान हो, तुम सुनाओ छन्द ‘निराला’ के, यहाँ ‘ग़ालिब’ से मेरी पहचान हो, हिंदी की कलम तुम्हारी हो, यहाँ उर्दू …

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