Arsi Prasad Singh

मैथिली और हिन्दी के महाकवि आरसी प्रसाद सिंह (१९ अगस्त १९११ - नवम्बर १९९६) रूप, यौवन और प्रेम के कवि के रूप में विख्यात थे। बिहार के चार नक्षत्रों में वियोगी के साथ प्रभात और दिनकर के साथ आरसी सदैव याद किये जायेंगे। आरसी बाबू का जन्म बिहार के समस्तीपुर जिले के एरौत गाँव में १९ अगस्त १९११ में हुआ था|

आरसी प्रसाद सिंह जी की प्रेम कविता – चाँद को देखो

आरसी प्रसाद सिंह जी की प्रेम कविता - चाँद को देखो

चाँद को देखो चकोरी के नयन से माप चाहे जो धरा की हो गगन से। मेघ के हर ताल पर नव नृत्य करता राग जो मल्हार अम्बर में उमड़ता आ रहा इंगित मयूरी के चरण से चाँद को देखो चकोरी के नयन से। दाह कितनी दीप के वरदान में है आह कितनी प्रेम के अभिमान में है पूछ लो सुकुमार …

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